उत्तराखंड उपचुनाव में हार की समीक्षा करेगी BJP, जवाब तलब करेगा हाईकमान

कांग्रेस को प्रदेश में दो विधानसभा उपचुनावों की जीत से संजीवनी मिलेगी तो वहीं भाजपा के भीतर हार की जिम्मेदारी को लेकर घमासान मच सकता है।

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उत्तराखंड में हुए उपचुनाव में मंगलौर और बदरीनाथ दोनों ही विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। Bjp Defeat In Uttarakhand इस उपचुनाव ने उत्तराखंड में होने वाले 2027 के विधानसभा चुनाव की तस्वीर भी साफ कर दी है। चमोली की बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार लखपत बुटोला ने 5224 और हरिद्वार की मंगलौर विधानसभा सीट पर काजी निजामुद्दीन ने 422 सीट से दर्ज जीत की है। उत्तराखंड में बीजेपी अपनी कार्यसमिति की बैठक करने वाली है। ये कार्यक्रम लोकसभा चुनाव में मिली जीत को लेकर होगा। राजेंद्र भंडारी को भाजपा में लाने पर भी सवाल खड़े होंगे और चुनाव में तैयारी को लेकर भी चिंतन किया जाएगा। इसके अलावा लोगों ने आखिरकार भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी पार्टी के पक्ष में वोट क्यों नहीं किया? इस पर भी पार्टी के नेता अपने विचार रखेंगे।

इसके बाद आने वाले दिनों में पार्टी के कुछ नेताओं को राजनीतिक रूप से इसका नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। विधानसभा उपचुनाव में हार के लिए भारतीय जनता पार्टी के चार नेताओं से सीधे तौर पर जवाब मांगा जा सकता है। इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ ही इन लोकसभा सीटों के सांसद अनिल बलूनी और त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी हार के लिए सवाल पूछे जा सकते हैं। यानी पार्टी के भीतर हार के लिए इन चार नेताओं को ही पार्टी हाईकमान को जवाब देना होगा। माना जा रहा है कि प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व स्तर पर जल्द ही उपचुनाव में मिली हार की समीक्षा होगी और उन कारणों की पड़ताल की जाएगी, जिनकी वजह से भाजपा चुनाव नहीं जीत पाई।