Joshimath Sinking: दो और होटल्स की बिल्डिंग एक-दूसरे की ओर झुकीं, डेंजर जोन वाले मकानों की संख्या 800 के पार

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उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। भू-धंसाव के चलते तमाम घरों और होटलों में दरारें पड़ गई हैं। प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं। ऐसे में जो घर और इमारतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन्हें जल्द ही जमींदोज करने की प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच जोशीमठ में दो और होटलों के एक दूसरे की तरफ झुकने की खबर है। जानकारी के मुताबिक असुरक्षित घोषित किए गए दो होटलों ‘मलारी इन’ और ‘माउंट व्यू’ को ध्वस्त करने की प्रक्रिया अभी भी चल रही थी। कि इसी बीच साइट से लगभग 100 मीटर की दूरी पर, दो और होटल-स्नो क्रेस्ट और कॉमेट, खतरनाक तरीके से एक-दूसरे की ओर झुके हुए हैं और एहतियात के तौर पर खाली कर दिए गए हैं। यानी कि ये होटल कभी भी एक दूसरे से टकरा सकते हैं।

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि जिन घरों में दरारें आ गई हैं, उनकी संख्या अब बढ़कर 826 हो गई है, जिनमें से 165 ‘डेंजर जोन’ में हैं। वहीं अब तक 233 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है। दूसरी तरफ जोशीमठ-औली रोपवे के पास काफी बड़ी दरारें भी दिखाई दी हैं, जिसका संचालन एक सप्ताह पहले निलंबित कर दिया गया था, जब भूमि धंसाव बढ़ गया था। रोपवे इंजीनियर दिनेश भट्ट ने कहा कि रोपवे परिसर में दीवारों के पास लगभग चार इंच चौड़ी और 20 फीट लंबी दरार दिखाई दी है। वहीं अब तक अंतरिम सहायता के रूप में प्रभावित परिवारों के बीच 249.27 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। जिनको राशन किट, कंबल, भोजन, दैनिक उपयोग की किट, हीटर और ब्लोअर भी उपलब्ध कराए गए है।