देहरादून: पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में वीर चन्द्र सिंह गढवाली सभागार विश्व कर्मा भवन, सचिवालय, देहरादून में पशुपालन, डेरी एवं मत्स्य विभाग के अधिकारियों एवं पशुपालकों के साथ पशुपालकों की आय वृद्धि एवं रोजगार सृजन के उद्देश्य से चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी जनपदों के जनपद स्तरीय अधिकारी भी ऑन लाइन माध्यम से जुड़े तथा चिंतन शिविर में प्रतिभाग किया। चिंतन शिविर में मंत्री सौरभ द्वारा सभी विभागों की वर्ष 2025 से पूर्व अपने विभागों की कार्ययोजना के माध्यम से पशुपालकों के लिए ऐसी योजना बनाने का आह्वान किया, जिसके माध्यम में रोजगार के नए अवसर सृजित हों तथा उत्तराखण्ड का नाम पशुपालन, डेरी एवं मत्स्य के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका हो सके।
चिंतन शिविर में मंत्री ने पूरे प्रदेश से आए प्रगतिशील पशुपालकों से सीधा संवाद किया तथा दुग्ध एवं डेरी द्वारा लम्बित भुगतान समस्या का मौके पर निराकरण हेतु निर्देशित किया गया। मंत्री द्वारा सभी विभागों को रोजगार सजन पलायन को रोकने एवं पशुपालकों की समस्याओं को दूर करने के भी निर्देश दिये गये। सचिव, पशुपालन डॉ० बी०वी०आर० सी० पुरुषोत्तम ने कार्यकम में पशुपालन, डेरी एवं मत्स्य द्वारा वर्तमान में चलायी जा रही योजनाओं एवं भारत सरकार से सहायतित योजनाओं का क्रियान्वित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिये। डॉ0 अजयपाल असवाल पशुचिकित्सा अधिकारी, कालसी फार्म ने अपने प्रस्तुतिकरण में देशी एवं विदेशी उन्नत नस्ल की भ्रूण प्रत्यारोपण के द्वारा बछिया पैदा करने तथा उन्नत नस्ल के सेक्स साटेड सीमेन के द्वारा लाभान्वित करने के साथ-साथ चारागाह एवं चारा की कमी को दूर करने के उपाय एवं कार्ययोजना प्रस्तुत की।
डॉ० राकेश सिंह नेगी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन द्वारा नये एवं पुराने पशुपालन उद्यमियों के लिए भारत सरकार द्वारा उपलब्ध योजना से लाभ लेते हुए नये पशुपालन उद्यम लगाने के लिए सुझाव दिये। मुकेश बोरा अध्यक्ष, उत्तराखण्ड सहकारी डेरी फैडरेशन लि0 ने डेरी कॉपरेटिव द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं एवं किसानों की समस्याओं को दूर करने के सुझाव एवं योजनाओं में पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाने के सुझाव दिये। ऑन लाइन माध्यम से भारत से जुड़े डा० प्रवीण मलिक, कमिश्नर, पशुपालन विभाग, भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को किसी पशुपालन सम्बन्धी योजनाओं के संचालन के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया। डॉ० मलिक ने देश में फैल रही लम्फी स्कीन डिजीज को रोकने के तत्काल सीमान्त क्षेत्रों में पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जागरुकता एवं रोकथाम उपाय करने के लिए कार्य करने के सुझाव दिये।