ऋषिकेश: कनाडा से ऋषिकेश घूमने आई एक 65 वर्षीय महिला की बीमारी से पांच दिन पूर्व एम्स में निधन हो गया। कनाडा से उनके स्वजन की सहमति पर विदेशी महिला का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से चंद्रेश्वर नगर मुक्तिधाम में किया गया। डेनमार्क निवासी महिला मित्र नाया ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। उसने बताया कि कैथरीन ने इच्छा जताई थी कि यहां अगर उनकी मृत्यु होती है तो हिंदू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया जाए। 65 वर्षीय कैथरीन की राष्ट्रीयता कनाडा की है, जबकि वह पिछले करीब 15 सालों से युगांडा में एक एनजीओ के साथ काम रही थीं। करीब एक माह पहले उन्हें उत्तराखंड से लगाव यहां खींच लाया। यहां ऋषिकेश में उन्होंने भारतीय संस्कृति को करीब से जाना और योग व अध्यात्म में डूब गईं।
बीते 28 मार्च को उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें पहले निर्मल अस्पताल और फिर एम्स में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के दौरान 29 मार्च को कैथरीन ने दम तोड़ दिया। हालांकि, इससे पहले कैथरीन ने अपनी मित्र डेनमार्क निवासी नाया को अपनी अंतिम इच्छा बताई थी। कैथरीन ने कहा था कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किया जाए। नाया और कैथरीन ऋषिकेश के एक आश्रम में योग सीख रहे थे। लक्ष्मणझूला थाना प्रभारी विनोद सिंह गुसाईं ने बताया कि कनाडा दूतावास के माध्यम से कैथरीन के चारों भाइयों से संपर्क किया गया। बड़े भाई ने कैथरीन की इच्छा के अनुसार नाया के माध्यम से अंतिम संस्कार की अनुमति दी। इस पूरी प्रक्रिया में समय लगने के कारण सोमवार को शव के पोस्टमार्टम के बाद चंद्रेश्वर घाट पर कैथरीन को नाया ने मुखाग्नि दी।