राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण देने का प्रारूप तैयार कर दिया है। 10 Percent Horizontal Reservation खास बात ये है कि धामी कैबिनेट ने मार्च महीने में इससे जुड़े प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी, जिसके बाद इससे जुड़ा बिल सदन में भी पास करवाया गया था। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब इसका प्रारूप भी जारी कर दिया गया है। राज्य में 11 हजार से अधिक चिह्नित राज्य आंदोलनकारी हैं, जिनके आश्रितों को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा, बशर्ते वे कुछ विशेष शर्तों को पूरा करें। यदि राज्य आंदोलनकारी पहले ही राज्य आंदोलनकारी कोटे से सरकारी सेवा में कार्यरत हैं, तो उनके आश्रितों को राज्य आंदोलनकारी आश्रित प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा।
इसके अलाव जो आंदोलनकारी सरकारी सेवा में पहले से क्षैतिज आरक्षण का लाभ ले चुके हैं, वे फिर से अन्य सरकारी सेवाओं में इसका लाभ नहीं उठा सकेंगे। लंबे समय से राज्य आंदोलनकारी सरकारी सेवाओं में 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रहे थे। तमाम प्रदर्शनों के जरिए भी उन्होंने सरकार के सामने अपनी इस मांग को रखा था, लेकिन मामला कोर्ट में होने के कारण इसमें कई तरह की पेचीदगियां आ रही थी। इसी को देखते हुए सरकार ने इसके लिए सदन में बिल पास करवाने का निर्णय लिया। खास बात ये है कि मामले में राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है। साथ ही शासन से आदेश भी जारी हो चुका है। जबकि, अब आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को भी आरक्षण देने से जुड़ा प्रारूप जारी किया गया है।