चमोली हादसा: दो मीटर के रास्ते में लाशों का ढेर…16 लोगों की मौत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार?

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Chamoli Tragedy: उत्तराखंड के चमोली में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हुआ। चमोली बाजार के पास अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैल गया। दर्दनाक हादसे में दरोगा समेत 16 लोगों की मौत हो गई है। 11 लोग बुरी तरह झुलसे हैं। मृतकों में पीपलकोटी चौकी प्रभारी प्रदीप रावत और होमगार्ड मुकंदीलाल भी शामिल हैं। अलकनंदा नदी के ठीक किनारे स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के चारों ओर जब करंट दौड़ा तो यहां का दो मीटर रास्ता क्षण भर लाशों के ढेर में तब्दील हो गया। आसपास खड़े लोग जब तक कुछ समझ पाते तब एक स्थानीय निवासी सुभाष ने आवाज लगाई कि जो जहां है वहीं खड़े रहो जिससे कई लोगों की जानें बच गई। हालांकि करंट लगने से 16 लोग अकाल मौत के मुंह में समा गए।

ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि निदेशक (परिचालन) के स्तर से घटना के संबंध में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। जिसके अनुसार चमोली पुल के पास स्थित 11 केवी निजमुला फीडर से एसटीपी को 20 किलोवाट का कनेक्शन दिया गया है। अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड गोपेश्वर अमित सक्सेना ने जानकारी दी कि प्लांट में करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, लेकिन इस संबंध में ऊर्जा निगम के पास कोई जानकारी नहीं थी। प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया, प्रथमदृष्टया संज्ञान में आया है कि उक्त स्थान पर स्थापित ट्रांसफार्मर और प्लांट परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में कोई कमी नहीं है। संभवतः मीटर से आगे परिसर की विद्युत लाइन में कोई आंतरिक दोष था। ऊर्जा निगम की ओर से वास्तविक कारणों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा रही है।