देहरादून में देर रात हुआ बवाल, भीड़ ने रोड जाम कर किया हंगामा। शांति भंग करने साजिश नाकाम! बड़ा सवाल ये है कि राजधानी में इस बवाल के पीछे कौन है। बताउंगा पूरीखबर और पड़ताल इस बात की अपनी देवभूमि को कौन अशांत करना चाहता है और क्यों। Erupts Violence In Dehradun दोस्तो मै खबर की तहत तक जाकर वो सारी बातों की पड़ताल करूं कि कैसे काशीपुर में रात के अंधेरे में सकड़ पर उतरकर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने शांति को भंग करने की कोशिश की, फिर ऐसा ही कुछ हरिद्वार के ग्रामिण इलाकों में हुआ, और दोस्तो अपनी राजधानी में हंगामा। बताने के लिए आया हूं। दगड़ियो एक फेसबुक पोस्ट, एक कमेंट और फिर कुछ ही घंटों में राजधानी देहरादून की सड़कों पर उतरी उग्र भीड़ बाजार चौकी पर जमा हुए सैकड़ों लोग, सड़क पर अफरातफरी, और पुलिस की लाठियों की गूंज आखिर ऐसा क्या लिखा गया था सोशल मीडिया पर, जिसने शांति के शहर को तनाव के साये में ला खड़ा किया? क्या यह सिर्फ एक भावनात्मक प्रतिक्रिया थी — या कहीं इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है? सब आगे आपको सिलसिलेवार तरीके से बताने जा रहा हूं। मै आपको दिखाउंगा वो पूरा घटनाक्रम, वो पोस्ट, वो कमेंट, और वो सवाल, जो इस तनाव की आग में सुलग रहे हैं। तो क्या सोशल मीडिया अब समाज का हथियार बन गया है? या कोई ताकत है जो जानबूझकर उत्तराखंड के सौहार्द को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है? जवाब खोजने की कोशिस हर पहलू पर बात करूगां — लेकिन सबसे पहले आपको दिखाता हूं पटेलनगर, जहां रात के अंधरे में कुछ ऐसा हुआ जिसने देहरादून को हिला दिया।
दगड़ियो सोशल मीडिया के एक प्लेटफॉर्म, फेसबुक, पर एक धार्मिक पोस्ट के नीचे किए गए कथित आपत्तिजनक कमेंट ने देखते ही देखते शहर की सड़कों को आगोश में ले लिया। पटेलनगर थाना क्षेत्र में स्थित बाजार चौकी के बाहर एक समुदाय विशेष के सैकड़ों लोग जमा हो गए। भीड़ का आक्रोश और पुलिस का लाठीचार्ज — यह सब उस डिजिटल कमेंट का परिणाम था, जो कुछ ही घंटों में एक बड़े सामाजिक संकट में बदल गया। दोस्तो पुलिस का कहना है कि मामला फेसबुक पर एक पोस्ट से शुरू हुआ जिसमें “I Love Mohammad” लिखा गया था। इस पोस्ट पर एक अन्य यूजर द्वारा कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की गई, जिससे समुदाय विशेष में भारी रोष फैल गया। CO सदर अंकित कंडारी ने जानकारी दी कि जैसे ही पोस्ट की जानकारी फैली, ब्रह्मपुरी और पटेलनगर क्षेत्र में एक समुदाय के लोग बड़ी संख्या में एकत्र होने लगे। देखते ही देखते बाजार चौकी पर भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने चौकी पर नारेबाजी की, और माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
दोस्तो इस पूरे घटनाक्रम के दौरान न केवल कानून व्यवस्था चरमरा गई, बल्कि आमजन का जीवन भी प्रभावित हुआ। जाम लग गया, एम्बुलेंस तक फंस गईं, और स्कूल-कॉलेज से लौट रहे छात्र भयभीत नजर आए। दोस्तो काशिपुर और हरिद्वार जैसे इलाकों में देखा था गया था ऐसा मंजर लेकिन देहरादून जैसे शांत शहर में ऐसा पहली बार हुआ है। अब सवाल आता है कि कौन है जिम्मेदार एक पोस्ट या प्रतिक्रिया या इसके पीछे एक गहरी साजिश काम कर रही है। दोस्तो इस पूरे मामले में दो बातें बेहद गंभीर हैं —भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट की निगरानी में लापरवाही, आक्रोशित भीड़ का कानून हाथ में लेना। दोस्तो जहां एक ओर सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों को रोकने के लिए पुलिस को तकनीकी निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर आम जनता को भी संवेदनशीलता और संयम का परिचय देना चाहिए, हांलाकि घटना के तुरंत बाद डीएम और एसएसपी स्तर के अधिकारी मौके पर पहुंचे। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। आरोपी युवक को हिरासत में लिया गया है।