उत्तराखंड के पूर्व DGP समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, अवैध पेड़ कटान का आरोप

पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू की मुश्किल बढ़ने वाली है। 9 बीघा भूमि फर्जीवाड़े में एसआईटी ने सिद्धू समेत 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है।

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उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू सहित पांच आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। Chargesheet filed against former DGP BS Sidhu अन्य पांच आरोपियों के खिलाफ जांच जारी रहेगी। आरोप है कि पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू ने अपने कार्यकाल के समय साल 2012 में ओल्ड मसूरी रोड पर वीरगिरवाली स्थित आरक्षित वन क्षेत्र के करीब 9 बीघा जमीन अपने नाम कर ली थी। इस जमीन पर साल प्रजाति के 25 पेड़ कटवा दिए गए थे। उस दौरान बीएस सिद्धू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को प्रार्थना पत्र दिया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी। बताया जाता है कि उक्त भूमि दो दशक पूर्व किसी नत्थूराम व्यक्ति के नाम पर दर्ज थी। बाद में उस जमीन को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया। कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट के अनुसार डीजीपी ने मेरठ जिले में नत्थूराम नाम के व्यक्ति की तलाश की। इस नाम का व्यक्ति मेरठ के रोहटा रसूलपुर गांव में मिल गया। वहां तत्कालीन ग्राम प्रधान चमन सिंह के जरिए उसके नत्थूराम के फर्जी दस्तावेज बनवाए।

इसके बाद उसे रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन का मालिक दर्शाकर जमीन अपने नाम करा ली। यह दाखिल खारिज 13 मार्च 2013 को सिद्धू के नाम हुआ। इस दाखिल खारिज के खिलाफ काशीराम क्वार्टर डिस्पेंसरी रोड पर रहते असली नत्थूराम के बेटों ने अपर तहसीलदार कोर्ट से 25 मार्च 2013 को स्टे हासिल कर लिया था। मार्च 2023 में रहमुद्दीन और हाजी रिजवान नाम के व्यक्ति सामने आए। इन्होंने जमीन की पावर आफ अटार्नी अपने नाम होने का दावा किया। तब सिद्धू की तरफ से नत्थूराम बनाए गए व्यक्ति की तरफ से इनके खिलाफ शहर कोतवाली में पांच जुलाई 2012 को मुकदमा दर्ज करा दिया गया। मामले की जांच शुरू हुई और इस बीच डीजीपी सिद्धू सेवानिवृत्त हो गए। यहीं से खेल की परतें खुलनी शुरू हुईं। पिछले साल अप्रैल में मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित हुई।