Chaurasi Kutiya : PM Modi की पहल से पुराने वैभव में लौटेगी चौरासी कुटिया | Uttarakahand News

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उत्तराखंड की तरफ घूमी प्रधानमंत्री मोदी की नजर
तीर्थनगरी ऋषिकेश में महर्षि महेश योगी की विरासत का होगा काया कल्प
अब पुराने वैभव में लौटेगी महर्षि योगी चौरासी कुटिया
पीएम मोदी की पहल पर एक साथ काम में लग गए कई विभाग

मोदी सरकार धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान दे रही है…खासकर हिंदू धार्मिक स्थल….जो पुराने हो चुके हैं लेकिन उनका विशेष महत्व है…अब ऐसा ही कुछ मोदी सरकार…देवभूमि उत्तराखंड में करने जा रही है…जहां तीर्थनगरी ऋषिकेश में गंगा तट पर स्थित महर्षि महेश योगी की विरासत चौरासी कुटिया अपने पुराने वैभव में लौटाने की कोशिश की जा रही है…और क्योंकि इसकी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से की जा रही है तो हर विभाग पूरी तरह से चौकन्ना होकर काम में जुट गया है…तो चलिए आपको बताते हैं कि चौरासी कुटिया को लेकर पीएम मोदी का क्या सपना है और इसके पुराने वैभव को लौटाने के लिए वो किस तरह से काम कर रहे हैं…बताएंगे आपको पूरी खबर…बस आप हमारे इस वीडियो को आखिर तक देखते रहें….
दरअसल उत्तराखंड में आपको कदम कदम पर धार्मिक स्थल मिल जाएंगे जिनका खासा महत्व है..और चौरासी कुटिया जो महर्षि महेश योगी की विरासत है उस पर अब प्रधानमंत्री मोदी की नजर पड़ गई है जिसके बाद अब उसके पुराने वैभव में लौटाने की कवायद शुरू हो गई है…दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर इसके लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। राज्य का पर्यटन, वन महकमा और केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय इस पर काम करेंगे। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम करने वाली एक कंपनी को बतौर कंसल्टेंट नियुक्त करने की तैयारी की जा रही है।
महर्षि महेश योगी ने ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम क्षेत्र में 60 के दशक में जिस शंकराचार्य नगर या कहें कि चौरासी कुटिया की स्थापना की थी, वह आज बदहाल स्थिति में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आश्रम के बारे में जानने के बाद उत्तराखंड सरकार को इसके पुनरोद्धार की योजना पर काम करने का निर्देश दिया था।
PMO की ओर से भी एक खाका भेजा गया
शासन के सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में कई बार पीएमओ स्तर से पत्राचार हो चुका है।पिछले दिनों वन विभाग ने पीएमओ को पत्र भेजकर जानना चाहा था कि प्रधानमंत्री चौरासी कुटिया का किस रूप में पुनरोद्धार चाहते हैं, इस पर पीएमओ की ओर से भी एक खाका भेजा गया है।
बताया जा रहा है कि

चौरासी कुटिया को ध्यान-योग केंद्र के साथ ही वन और वन्य जीवन से जोड़ते हुए कायाकल्प किया जाएगा।
केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय भी इस परियोजना में शामिल रहेगा।
आयुष से जुड़ी गतिविधियों को इसमें शामिल किया जाएगा। योजना का खाका तैयार होने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा।

बीटल्स ग्रुप ने दिया बड़ो योगदान
वहीं प्रसिद्ध अमेरिकन म्यूजिकल ग्रुप बीटल्स ने चौरासी कुटिया की ख्याति में चार चांद लगाए हैं। इस ग्रुप के चार सदस्य जॉन लिनोन, पॉल मेकार्टनी, जार्ज हेरिशन व रिगो स्टार साल 1967-68 में पूरे एक साल इस केंद्र में रहे और भावातीत ध्यान की दीक्षा ली।

बीटल्स ग्रुप के इन सितारों ने यहां रहते हुए महर्षि महेश योगी के सानिध्य में 48 गीतों की रचना की।
इनमें से 18 गाने उनकी प्रसिद्ध एलबम ‘द व्हाइट’ में शामिल किए गए।
इन गानों ने पूरी दुनिया में धूम मचाई। तब से इस स्थान को पूरी दुनिया में बीटल्स की तपस्थली के रूप में भी जाना जाता है।

बता दें कि चौरासी कुटिया के विकास की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है साथ ही इसके परिक्षेत्र में कोई भी नया निर्माण नहीं किया जाएगा। जो कुछ पहले से वहां मौजूद है, उसे पुराने स्वरूप में लाया जाएगा। यहां वन, वन्यजीव संसार के साथ ध्यान-योग, मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य, पंचकर्म इत्यादि गतिविधियां शुरू की जाएंगी। इसके लिए योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। कंसल्टेंट का काम किसी नामी कंपनी को देने पर विचार किया जा रहा है। जो परियोजना की डीपीआर बनाने में मदद करने के साथ पुनरोद्धार का खाका तैयार करेगी। पर्यटन विभाग वन विभाग के साथ सहयोगी के रूप में कार्य करेगा…अब बस इंतजार कीजिए कुछ वक्त का और फिर आपके सामने जो होगा वो आपको चौंकाने वाला होगा और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या पहले भी बढ़ जाएगी.