Dehradun News: उत्तराखंड वन विकास निगम के एम डी ने रिटायरमेंट से ठीक एक दिन पहले 309 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। नौकरी से निकाले गए सभी कर्मचारी संविदा कर्मी थे जिन्हें आउटसोर्सिंग के जरिए संविदा पर रखा गया था। इन्हें वीएन विकास निगम के एमडी (के राव) ने अपने रिटायरमेंट से ठीक एक दिन पहले आदेश जारी कर नौकरी से हटा दिया था। इसके बाद इन पीड़ित कर्मचारियों की खबर मुख्यमंत्री धामी तक पहुंची। उत्तराखंड वन विकास निगम के बर्खास्त 309 आउटसोर्स कर्मचारियों को 24 घंटे में ही गुरुवार को फिर से बहाल कर दिया गया। सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले बुधवार को प्रबंध निदेशक केएम राव ने सभी आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए बर्खास्त कर दिया था। लेकिन सेवानिवृत्ति के दिन उन्होंने अपना आदेश पलटते हुए फिर से कर्मियों की सेवा को यथावत रखने का आदेश जारी कर दिया।
यह अपने आप में बड़ी बात है कि ऐसे कर्मचारियों को वापस रखा गया है जिन्हें पहले आदेश जारी कर नौकरी से हटा दिया गया था। यह सभी कर्मचारी संविदा कर्मी है और वन निगम के अलग-अलग क्षेत्र में तैनात हैं। जहां पर वन निगम के द्वारा इन सभी 309 संविदा कर्मियों को वापस नौकरी पर रखा गया है। बता दें कि पिछले कई दिनों से संविदा कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इन संविदा कर्मियों को पिछले कई महीनों से सैलरी नहीं दी जा रही थी। कर्मचारियों की बहाली का जारी हुआ आदेश मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद एमडी ने गुरुवार को हटाए गए सभी आउटसोर्स कर्मचारियों की बहाली का आदेश जारी कर दिया। बहाली के आदेश में अब बताया गया है कि आउटसोर्स से योजित कार्मिकों की सेवाएं समाप्त करने से निगम के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। निगम में नियमित कार्मिकों के अधिक संख्या में सेवानिवृत्त होने के बाद कार्यों के सुचारू संचालन के लिए वाह्य सेवा कार्मिकों की नितांत आवश्यकता है।