देहरादून: साल दर साल सिकुड़ती सरकारी नौकरियों के संकट से जूझता प्रदेश का युवा कड़ी मेहनत करते हुए सालों भर्तियों का इंतजार करता है लेकिन फिर खबर आती है कि फ़लां परीक्षा का पेपर लीक हो गया, फ़लां भर्ती के लिए ऊपर से नीचे पैसे और पहुंच का खेल चल रहा है। हाल में में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UKSSSC में हुए पेपर लीक कांड ने फिर से भर्ती आयोगों और इनके द्वारा कराई जा रही परीक्षाओं की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सवाल है कि क्या युवा सीएम धामी बेरोजगार युवाओं के हक़ों पर भ्रष्टाचार का डाका डालने वाले ऐसे चेहरों को बेनक़ाब कर भर्ती आयोगों की विश्वसनीयता बहाल कर युवाओं के ज़ख़्मों पर मरहम नहीं लगाएंगे? मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी ने यह कहकर बड़ी उम्मीद बंधाई हैं कि न केवल UKSSSC बल्कि अभी कई और आयोग हैं जहां भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतें आ रही हैं। सीएम धामी ने कहा कि पिछले कई दिनों से इन आयोगों को लेकर शिकायतें आ रही थी और अभी और अभी कुछेक आयोग और भी हैं उन पर भी कार्रवाई होनी है। जाहिर है अगर मुख्यमंत्री के कड़े तेवर बरक़रार रहे तो आयोगों में सफ़ेदपोश बने बैठे कई चेहरों से नक़ाब हटेंगे और सच सामने आएगा कि कैसे युवाओं के सपनों के साथ कभी दागी एजेंसियों के सहारे तो कभी दूसरे भर्ती माफिया की मदद से खिलवाड़ हुआ है।
बता दें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आगामी 31 जुलाई को दूरसंचार विभाग के मुख्य आरक्षी 272 पदों के लिए परीक्षा होनी है। इस परीक्षा को लेकर आयोग पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है। वहीं इस परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों के मन में किसी तरह की कोई शंका ना हो, इसके लिए आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह परीक्षा अपने तय समय पर और अपने तय कार्यक्रम के अनुसार होगी। इसमें किसी भी तरह की तब्दीली अभी तक फिलहाल नहीं की गई है।