नैनीताल में मुख्य कोषाधिकारी और अकाउंटेंट 1.20 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार, विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

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उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के मामलों ने लगातार सरकार की साख गिराई है, जिस पर लगाम लगाने को लेकर अब सीएम धामी सख्त नजर आ रहे हैं। सीएम धामी अब भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे है। Vigilance Arrested Chief Treasurer इस बीच नैनीताल में विजिलेंस टीम ने मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय में बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान मुख्य कोषाधिकारी नैनीताल और लेखाधिकारी कोषागार को एक लाख बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान में शिकायत की गई थी कि वह नैनीताल न्यायालय में कार्यरत है। उसके और उसके पांच साथियों की एसीपी लगनी थी, जिसके लिये नियमानुसार तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में वरिष्ठ कोषाधिकारी नैनीताल भी सदस्य बनाये गए। जिसके लिए नियमानुसार तीन सदस्यों की कमेटी का गठन हुआ। टीम में वरिष्ठ कोषाधिकारी नैनीताल भी सदस्य बनाए गए।

कमेटी के अन्य दोनों सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर कर दिए जबकि मुख्य कोषाधिकारी नैनीताल दिनेश कुमार राणा के हस्ताक्षर शेष थे। वे हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे। उनके बार-बार मांग करने पर आरोपी दिनेश कुमार राणा के कार्यालय में नियुक्त लेखाधिकारी बसंत कुमार जोशी ने उनसे संपर्क किया। लेखाधिकारी से मिलने पर उन्होंने बताया कि सीटीओ साहब का कहना है कि आप लोगों का पांच से छह लाख रुपये का एरियर बन रहा है। छह लोग प्रत्येक व्यक्ति के 50-50 रुपये के हिसाब से दें। इस पर शिकायतकर्ता से 1,20,000 रुपये लेकर हस्ताक्षर करने की बात तय हुई। सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी की ट्रैप टीम ने आरोपी सीटीओ दिनेश कुमार राणा निवासी सैनिक स्कूल के पास नैनीताल और लेखाधिकारी बसंत कुमार जोशी निवासी गैस गोदाम रोड हल्द्वानी को शिकायतकर्ता से 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।