Joshimath: हालात चिंताजनक…अलग-अलग जोन में बंटेगा नगर, सीएम धामी बोले युद्धस्तर पर होंगे काम शुरू

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Joshimath Is Sinking: जोशीमठ के डेढ़ किलोमीटर भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है। भू-धंसाव का अध्ययन करके आई विशेषज्ञ समिति ने सरकार के सौंपी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। समिति ने ऐसे भवनों को गिराए जाने की सिफारिश की है, जो पूरी तरह से असुरक्षित हैं। प्रभावित परिवारों के लिए फेब्रिकेटेड घर बनाए जाएंगे। जोशीमठ में भू धंसाव के चलते सेना ने किराए के घर में रहने वाले अपने जवानों को अपने कैंपों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। जोशीमठ में भारतीय सेना की बिग्रेड और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एक बटालियन तैनात है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लोगों को राहत और उनकी सुरक्षा के लिए सरकार युद्ध स्तर पर काम करेगी। देहरादून में अलग-अलग विभागों की बैठक में कार्ययोजना तैयार होगी, जिसके लिए हर विभाग का एक नोडल अफसर बनाया जाएगा। जो लोग डेंजर जोन में हैं, उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचाया जाए। सबकी जान माल की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। भीषण सर्दी का समय है, जरूरत की चीजें उन्हें प्राप्त हों। दीर्घकालिक ड्रेनेज प्लान पर तत्काल काम शुरू हो। बता दे, भारतीय सुरक्षा बलों के बाद इस सीमांत इलाके के नागरिक दूसरी रक्षा पंक्ति के पहरेदार हैं। भू-धंसाव की घटना पर यदि प्रभावी रोक नहीं लगी तो ये देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। जोशीमठ में स्काउट आईबेक्स बिग्रेड का मुख्यालय भी है।

समिति की प्रमुख सिफारिशें

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी को जोशीमठ में रिस रहे पानी की जांच करने का जिम्मा दिया गया है। वह पानी के मूल स्रोत का पता लगाएगा।
  • जोशीमठ की वहन क्षमता का तकनीकी अध्ययन होगा।
  • आईआईटी रुड़की इसके लिए अपनी टीम अध्ययन के लिए भेजेगा। टीम पता लगाएगी कि वास्तव में नगर की वहन क्षमता कितनी होनी चाहिए?
  • वहां मिट्टी की पकड़, भूक्षरण को जानने के लिए विस्तृत भू तकनीकी जांच होगी। जरूरत पड़ने पर नींव की रेट्रोफिटिंग का भी अध्ययन होगा। यह काम आईआईटी रुड़की करेगा।
  • समिति का मानना है कि जियो फिजिकल स्टडी का नेचर जानना जरूरी है, यह काम वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान को दिया जाएगा।
  • वहां हो रहे भू-कंपन की रियल टाइम मानीटरिंग होगी। इसके लिए वहां सेंसर लगाए जाएंगे। हिमालय भू विज्ञान संस्थान यह काम करेगा।
  • असुरक्षित भवनों से शिफ्ट किए गए प्रभावितों के लिए स्थायी शिविर तैयार होंगे। स्थायी शिविर तैयार करने का जिम्मा सीबीआरआई को दिया जाएगा।