गौरीकुंड भूस्खलन हादसे में लापता नेपाली मूल के 14 लोगों के बारे में जिला प्रशासन ने नेपाल दूतावास से भी उनके बारे में जानकारी मांगी है। साथ ही पुलिस से भी यात्रा के दौरान बाहरी लोगों के सत्यापन के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। भूस्खलन हादसे के छह दिन बाद भी नेपाली मूल व अन्य सहित कुल 20 लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। बीते 3 अगस्त की रात्रि लगभग 11.30 बजे गौरीकुंड डाटपुल के समीप भारी भूस्खलन से हाईवे किनारे बनी तीन दुकानें भी बह गई थी जिसमें 23 लोग बह गए थे। जिनमें से तीन शव मिल गए थे। लेकिन 20 अब भी लापता है। जिला प्रशासन के अनुसार, लापता लोगों में चार रुद्रप्रयाग, दो आगरा के हैं। शेष 14 लोग नेपाली मूल के हैं उनके बारे में नेपाल दूतावास से भी संपर्क किया गया है। नेपाली मूल के ये लोग कब नेपाल से भारत आए और उनके घर-परिवार के बारे में जानकारी मांगी गई है।
इसको लेकर मंदाकिनी व अलकनंदा नदियों में रेस्क्यू अभियान चल रहा है, जबकि गौरीकुंड मंदाकिनी नदी में जहां पर दुकानों का मलबा गिरा है, वहां भी मलबे को साफ कर शवों की खोज की जा रही है। रुद्रप्रयाग बाईपास से नरकोटा एवं धारी देवी से श्रीनगर डैम तक चलाए गए रेस्क्यू सर्च अभियान के बाद लापता बीस में से किसी भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। भूस्खलन की घटना के बाद से 23 लोग लापता हो गये थे। जिसमें तीन लोगों के शव बरामद होने के बाद उनकी शिनाख्त भी कर दी गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया टीमों की ओर से विषम परिस्थितियों में सर्च रेस्क्यू व खोजबीन कार्य किया जा रहा है, लेकिन टीमों को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। सर्च रेस्क्यू एवं खोजबीन अभियान में डीडीआरफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ, पुलिस, फायर सर्विस तथा जिला प्रशासन की टीमें शामिल हैं।