Uttarakhand News: उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य की आमदनी किस तरह बढ़े इसको लेकर महामंथन में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए हैं कि खनन, फॉरेस्ट और ऊर्जा जैसे सेक्टर्स से कैसे राजस्व बढ़े इसके लिए बेस्ट प्रैक्टिस और मॉडर्न टेक्नोलॉजी अपनाई जाए। सीएम धामी ने टीम 11 को राजस्व बढ़ाने को लेकर सख्त संदेश दिया है। दरअसल, उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार दावा कर रहे कि 2025 में जब उत्तराखंड अपनी रजत जयंती मना रहा होगा तब यह देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों की कतार में सबसे आगे खड़ा होगा।
जाहिर है युवा राज्य के युवा मुख्यमंत्री को ऐसा सोचना भी चाहिए क्यों कि यह नवोदित राज्य टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी से लेकर ऊर्जा, सौर ऊर्जा और एजुकेशन हब के तौर पर उत्तर भारत में न केवल अपनी एक अलग पहचान बना सकता है बल्कि अपनी आर्थिकी को भी मजबूत करके विकसित राज्यों के शुमार कर सकता है। सीएम ने कहा है कि विभागों द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष अधिक से अधिक राजस्व प्राप्ति के प्रयास किये जाएं। विभिन्न विभागों एवं राजस्व बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का भी गहनता से अध्ययन किया जाए। जिन विभागों का लक्ष्य के हिसाब से राजस्व प्राप्ति कम है, इसके कारणों का गहनता से अध्ययन किया जाए, जहां पॉलिसी में सुधार की आवश्यकता है, वो करवाई जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राजस्व प्राप्ति की स्थिति की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को और भी कई जरूरी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए अप्रैल में राजस्व लक्ष्य प्राप्ति के संबंध में बैठक की जायेगी। जिसमें सभी विभाग लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनी पूरी योजना बतायेंगे। जिन विभागों की अभी लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व प्राप्ति कम है, मुख्यमंत्री ने उन विभागों के सचिवों को निर्देश दिये कि इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक इसको अधिक से अधिक बढ़ाने के प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिए विभागों को ऑनलाईन सिस्टम पर अधिक ध्यान देना होगा। ऑनलाईन व्यवस्थाओं से जहां सबको कार्य करने में सुविधा होती है, वहीं सिस्टम पारदर्शी भी होता है। आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर अधिक ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व प्राप्ति में कठिनाई आ रही है, इन समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय सचिवों को ही रास्ता निकालना है। किसी भी समस्या के समाधान के लिए जब पूरा विश्लेषण होता है तो उसका समाधान अवश्य निकलता है।