चंपावत: देवीधुरा के बगवाल मेले को वर्षों से राजकीय मेला बनाने की मांग की जा रही है लेकिन शासन ने इसका आदेश जारी नहीं किया है। पिछले साल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद भी मामला आगे नहीं बढ़ सका। चंपावत का प्रसिद्ध देवीधुरा मां वाराही बग्वाल मेला राजकीय मेला घोषित कर दिया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को तत्काल इसका जीओ जारी करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सीएम आगामी 12 अगस्त होने वाले बग्वाल मेले में आयोजन में शरीक होंगे।
देवीधुरा के प्रसिद्ध मां बाराही धाम में रक्षाबंधन के दिन लगने वाले बग्वाल मेले की तैयारियां प्रशासनिक स्तर पर शुरू हो गई हैं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन कर विभिन्न व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि आठ से 19 अगस्त तक 12 दिन का मेला आयोजित किया जाएगा। 12 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन फल फूलों से बग्वाल खेली जाएगी। डीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री घोषणा के अनुसार बग्वाल मेले को राजकीय घोषित करने हेतु शासनादेश प्राप्त हो गया है। मेले के आयोजन हेतु शासन से धनराशि की मांग की गई है। इस वर्ष बग्वाल मेला शासकीय रूप से मनाया जाएगा।
बगवाल मेला मान्यता और विरासत के अलावा कौतूहल के लिए प्रसिद्ध है लेकिन पिछले 13 साल से बिना किसी सरकारी मदद के हो रहा है। धन की कमी मेले के आयोजन की भव्यता पर असर डालती रही है। मेले में संख्या बढ़ने के बावजूद आर्थिक सहायता के बगैर इसका आयोजन कराना जिला पंचायत के लिए चुनौती बन रहा है। करीब दो सप्ताह तक चलने वाले बगवाल मेले के आयोजन में लाखों रुपये खर्च होते हैं लेकिन वर्ष 2009 से एक भी रुपये का अनुदान नहीं मिला है। यहां किसी कर से आय हुई है। वर्ष 2015 से मेले में जिला पंचायत ने किसी तरह का कर भी नहीं लगाया है जबकि बिजली व्यवस्था, सफाई, अस्थायी निर्माण से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम तक में मोटी रकम खर्च होती है। राजकीय मेला घोषित होने पर इसमें होने वाला खर्च सरकार उठाएगी।