अग्निपथ योजना के विरोध में आज भारत बंद का एलान किया गया है। उत्तराखंड में भी विरोध के चलते अलर्ट जारी किया गया है। योजना को लेकर युवाओं की दुविधा दूर करने के लिए आज सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के पूर्व सैनिकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। यह संवाद कार्यक्रम सीएम कैम्प कार्यालय के मुख्य सेवक सदन में आयेजित किया गया। कार्यक्रम में शासन, प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और जिलाधिकारी वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि और सैन्य भूमि भी है।
उत्तराखण्ड के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। अधिकांश युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है। हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को अग्निपथ योजना के सही तथ्यों के बारे में अवगत कराएं। इसे लेकर युवा भ्रमित न हों। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी का पूरा जीवन देशहित को समर्पित है। उन्होंने अभी तक जो भी निर्णय लिये, देशहित में लिये। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का कल्याण उनकी प्राथमिकता है। लम्बे समय तक लम्बित वन रैंक वन पेंशन के संबंध में उनके द्वारा ही निर्णय लिया गया। सियाचीन में तैनात सैनिकों के उच्च स्तरीय उपकरण, आदि की उन्होंने व्यवस्था कराई। सीएम ने कहा कि अग्निपथ योजना भी देशहित में लाई गई है। चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किये ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिये भी विभिन्न अर्धसैन्य बलों, राज्यों के पुलिस बलों व अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है।
युवाओं को भ्रम से बचाने के लिये सही जानकारी पहुंचाना जरूरी है। सीएम ने कहा कि हमें अपने युवाओं को सही दिशा दिखाने की जरूरत है। उन्हें भ्रमित होने से बचाने के लिये अग्निपथ योजना की सही जानकारी उन तक पहुंचानी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कर्मयोगी हैं। पूरा देश उनका परिवार है। उनके नेतृत्व में देश गौरवशाली, वैभवशाली और शक्तिशाली बन रहा है। पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान सीएम ने कहा कि हमारे युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। हम भाग्यशाली हैं कि सशस्त्र बलों ने हमेशा समाज की ढाल के रूप में काम किया है। उन्होंने देश की ढाल के रूप में काम किया है। कहा कि उत्तराखंड राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना से भरा है। इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। वहीं इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेना में जाने की चाह रखने वाले युवा इस तरह से नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं।