पौड़ी DFO को हटाने के निर्देश ! | Leopard Hunter | Uttarakhand News | Pauri Garhwal | Joy Hukil

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जी हां दोस्तो एक तफर उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर बड़े अधिकारी बना रहे थे एक्शन प्लान, तभी देहरादून हुई एक हाईलेवल मिटिंग में अधिकारी पर ही गिर गई गाज। कैसे जंगली जानवरों के आतंक पर सीएम धामी ने ले लिया बड़ा एक्शन, क्यों हो गए डीएफओ को हटाने के निर्देश। Action Taken Against Pauri DFO जी हां दोस्तो उत्तराखंड में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर सरकार ने अब कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। पौड़ी में लगातार बढ़ रही घटनाओं के बाद डीएफओ को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश, बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल तक एस्कॉर्ट, प्रभावित परिवारों के लिए आर्थिक मदद, और जंगल में नई तकनीक के जरिए निगरानी—सरकार ने हर मोर्चे पर सक्रिय होने की हिदायत भी दे दी गई है। अब सवाल यह है—क्या इन कड़े कदमों से वन्यजीवों और इंसानों के बीच के संघर्ष पर लगाम लग सकेगी? क्यों पौड़ी डीएफओ पर एक्शन हो गया। दोस्तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारियों को तमाम जरूरी दिशा निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने पौड़ी में मानव -वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के चलते पौड़ी के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश भी दे दिए। दोस्तो सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में जंगली जानवरों का ज्यादा भय है, ऐसे क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और घर तक लाने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा एस्कॉर्ट की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा दोस्तो हाल के दिनों में कई जिलों में मानव-वन्यजीव संघर्ष कई लोगों ने अपनी जान गवां दी। कई लोग बुरी तरह से घायल भी हुए। ऐसे में निर्देश में साफ कह दिया गया है कि, किसी परिवार से कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग प्रभावित परिवार की आजीविका को सहायता देने के लिए दो सप्ताह के अंदर नीति बनाकर प्रस्तुत करे।

दोस्तो जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बीते कुछ वक्त में प्रदेश में तेदुँए गुलदार और भालू के हमलों में इजाफा हुआ है और यहां तक की पौड़ी में आदमखोर बने गुलदार को मार गिराया जा चुका है। ऐसे में अब सरकार और खुद धामी, इस पूरे संघर्ष पर समिक्षा कर रहे हैं। इस बैठक के दौरान सीएम धामी ने कहा जनपदों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जिन भी उपकरणों की आवश्यकता है, उन्हें जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए। सरकार की पहली जिम्मेदारी वन्यजीवों से लोगों के जीवन को बचाना है। इसके लिए नई तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाए। दोस्तो जंगली जानवर आबादी क्षेत्रों में न आये, इसके लिए स्थाई समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाए। वन्यजीवों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में कैमरों के जरिए लगातार नजर बनाये रखें। सीएम ने सख्त लहजे में अधिकारियो को निर्देशित किया है, साथ ही दोस्तो बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि वन कर्मी लगातार निगरानी रखें। साथ ही ग्रामीणों के साथ अपना संवाद मजबूत रखे। मुख्यमंत्री ने कहा बस्तियों के आस पास जंगली झाडियों को अभियान चलाकर साफ किया जाए। साथ ही बच्चों और महिलाओं को विशेष तौर पर आस पास वन्य जीवों की मौजूदगी को लेकर जागरुक किया जाए। इधर मानव-वन्य जीवों के संघर्ष बढ़ती घटनाओं पर वन मंत्री हाल में सरकार का प्लान बताया था। दोस्त इधर देहरादून में समिक्षा बैठक में सीएम ने कहा मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने की कोशिशें की जा रही हैं। वन विभाग के साथ ही शासन-प्रशासन के स्तर पर भी इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना की सूचना मिलने के 30 मिनट के अन्दर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचे. इसके लिए संबंधित डीएफओ और रेंजर की जिम्मेदारी तय की जाये. उन्होंने प्रभावितों को आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराने की बात भी कही है, तो दोस्तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद अब वन विभाग और प्रशासन पूरी तैयारी में हैं। बच्चों की सुरक्षा, ग्रामीणों की मदद और वन्यजीवों की निगरानी—सभी मोर्चों पर कदम उठाए जा रहे हैं। अब ये देखना होगा कि क्या ये सख्त कदम मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने में कारगर साबित होंगे।