हरिद्वार: पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन को जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी को रोग मुक्त करना आयुर्वेद का उद्देश्य है। सिंह धामी ने घोषणा की है कि नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) डॉक्टरों का पंजीकरण होगा। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि पतंजलि उत्तराखंड में विश्व स्तरीय नेचुरोपैथी अस्पताल खोलने में सरकार की मदद करेगा।
आयुर्वेद महज एक चिकित्सा पद्धति नहीं, इसे एक समग्र मानव दर्शन के रूप में वर्णित किया जा सकता है। यह हमारी एक ऐसी विरासत है, जिसके संपूर्ण विश्व का कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है। कोरोना काल में किस प्रकार दुनिया ने आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपनाया और लाभ पाया, यह हम सबों ने देखा। आयुर्वेद जीवन का एक समग्र विज्ञान है और यही कारण है कि आज दुनिया भर में इसकी स्वीकार्यता है। पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने अपने साक्ष्य-आधारित अनुसंधान को दुनिया के प्रमुख शोध पत्रिका में प्रकाशित करवाकर इसे दूर करने का प्रयास किया है।
पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन कर ऐतिहासिक कार्य कर दिया है। 1835 में जो मैकाले पाप करके गया था, उसको साफ करने का कार्य पंतजलि भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से किया जा रहा है। अब भारत में बच्चों का मानस भारतीयता के अनुसार तैयार किया जाएगा। प्रदेश में जड़ी-बूटी के व्यावसायिक उत्पादन बढ़ाने को लेकर प्रयास कर रही है। उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग और आयुर्वेद के सबसे बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।