MCD Election: दिल्ली एमसीडी चुनाव के परिणाम घोषित हो गये हैं। दिल्ली में दिल्ली एमसीडी चुनाव में बीजेपी 15 साल बाद MCD की सत्ता से बाहर हो गई है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली एमसीडी चुनाव में 134 सीटें जीतकर एमसीडी पर कब्जा कर लिया है। दिल्ली एमसीडी चुनाव में भाजपा की हार के साथ ही नेताओं के परफॉर्मेंस का भी आकलन होने लगा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले में अब विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। दरअसल सीएम धामी जिन वार्डों में प्रचार किया था, वहां अधिकतर सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
दिल्ली नगर निगम चुनावों में भाजपा बेशक आम आदमी पार्टी से पिछड़ गई, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिन 22 सीटों पर प्रचार किया उनमें से 10 सीटों पर भाजपा विजयी रही। प्रवासी उत्तराखंडी वोटरों के दबदबे वाली सीटों पर भी भाजपा को जीत मिली। इन सभी सीटों पर धामी स्टार प्रचारक थे। बता दें दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों की संख्या लाखों में है। शायद इसीलिए भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम मंत्रियों और भाजपा संगठन को दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए जिम्मेदारी दी थी। माना जाता है कि दिल्ली के करीब 20 से 25 वार्डों में प्रवासी उत्तराखंडियों की संख्या निर्णायक भूमिका में रहती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने पटपड़गंज, मंडावली, छतरपुर, यमुना विहार आदि आसपास की सीटों पर प्रचार किया। दिल्ली की पटपड़गंज, विनोद नगर एवं मंडावली में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो किए थे। इन तीनों ही सीटों से तीनों भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इसी तरह, बुराड़ी, सादतपुर, यमुना विहार, विनोद मार्ग, द्वारका-ए, नजफगढ़, छावला, शाहदरा में भी भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी ने 250 सीटों से 104 सीटें जीतीं। पार्टी की कामयाबी की दर 41.6 प्रतिशत रही। उन्होंने दावा किया कि जिसका प्रत्याशी अधिक लोकप्रिय और योग्य होगा वह दिल्ली का मेयर बनेगा। वह भाजपा का भी हो सकता है।