Uttarakhand Poltics: उत्तराखंड में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल इन दिनों खूब सुर्खियां बटौर रहे हैं। एक तरफ उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर नियुक्ति मामले को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें लोगों की ओर से खूब खरी-खोटी सुनाई जा रही है। दूसरी तरफ जीरो सेशन में अपने शहरी विकास विभाग में 74 कर्मियों के ट्रांसफर कर विदेश रवाना होने पर विपक्ष के जुबानी हमले सहने पड़ रहे हैं। मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने जर्मनी की उड़ान भरने से पूर्व शहरी विकास विभाग में 74 कर्मियों के तबादले कर दिए। हालांकि, रविवार को इसकी जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री कार्यालय से इन तबादलों पर रोक लगा दी है। लेकिन कांग्रेस को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।
कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में अजीब सा सर्कस चल रहा है। अब प्रेमचंद अग्रवाल के जर्मनी दौरे पर जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि सवाल यह उठता है कि शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल प्रदेश से बाहर आखिर कैसे चले गए? उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से हुई नियुक्तियों को लेकर उन्हीं की वजह से बवंडर खड़ा हो रखा है. उन्होंने कहा कि जो समिति इस मामले की जांच कर रही है वो समिति उन्हें कभी भी बुलावा भेज सकती है। ऐसे में उनका जर्मनी दौरा ही शक के घेरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुनियोजित तरीके से उन्हें विदेश भेजा गया है, ताकि सब लोग इस प्रकरण को भूल जाएं या फिर नियुक्तियों से मिले पैसों को ठिकाने लगाने के लिए वो विदेश गए हैं।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विदेश जाने की खबर तब सामने आई जब मुख्यमंत्री कार्यालय से उनके द्वारा जीरो सेशन में किए गए ट्रांसफर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई। जानकारी लेने पर पता चला कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने कुछ अधिकारियों के साथ विदेश दौरे के लिए उड़ान भर चुके हैं। मंत्री अग्रवाल के निजी पीआरओ राजेंद्र नेगी से मिली जानकारी के मुताबिक, शहरी विकास विभाग मंत्री के तहत ऋषिकेश और हरिद्वार से कूड़ा निस्तारण प्रोजेक्ट पर स्टडी के लिए जर्मनी गए हैं तो वहीं इनके साथ अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन शहरी विकास निदेशक नवनीत पांडे के अलावा ऋषिकेश और हरिद्वार के नगर आयुक्त भी इस दौरे के लिए जर्मनी गए हैं। कैबिनेट मंत्री के इस विदेश दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग आलोचना भी कर रहे हैं।