Uttarakhand Congress: 29 नवंबर को शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र से पहले मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस राज्य के ज्वलंत मुद्दों को लेकर बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं चकराता से कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा घोटाले और वनंतरा रिसार्ट में महिला कर्मचारी की हत्या के मामले में दोषियों को सरकार बचाने का प्रयास कर रही है। दोनों मामलों में सफेदपोशों का जिक्र आ चुका है, लेकिन सरकार तथ्य छिपाने में जुटी है। इसी कारण हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में सीबीआइ से जांच कराने की मांग की अनदेखी की जा रही है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए 21 नवंबर को सचिवालय कूच किया जाएगा।
विधानसभा परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रीतम ने कहा कि प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल है। पेपर लीक घपले में भाजपा के लोगों को फंसता देख सीबीआई जांच नहीं कराई जा रही है। अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच न कराने के पीछे भी भाजपा का यही डर है। प्रीतम ने कहा कि अंकिता की हत्या में एक वीआईपी का जिक्र बार-बार हो रहा है। आखिर क्या वजह है कि सरकार उसका नाम सार्वजनिक नहीं कर रही। विधानसभा की भर्तियों में कार्रवाई वाहवाही पाने के बेहद अपरिपक्व तरीके से की गई। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। हाल यह है कि यूएसनगर में मंत्री की हत्या की साजिश रची जा रही हैं। जनप्रतिनिधियों के घर में घुसकर उनकी और उनके परिजनों की हत्याएं हो रही हैं।
प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार के लिए गैरसैंण गैर हो गया है। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया, लेकिन एक भी दिन वहां से सरकार नहीं चलाई गई। अब सत्र कराने से भी कन्नी काटी जा रही है। उन्होंने कहा कि स्थायी राजधानी के मुद्दे पर सरकार का दोहरा चरित्र बेनकाब हो गया है। प्रीतम ने कहा कि सरकार इस बात को कान खोल कर सुन ले कि उत्तराखंड में विपक्ष जीवित है और जनहित के प्रति संवेदनशील है। यदि जनता और राज्य के हितों पर आंच आई तो सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी। इस क्रम में 21 नवंबर को सचिवालय के लिए विशाल कूच किया जाएगा। प्रीतम ने इस कूच में सभी प्रदेश वासियों से भागीदारी करने की अपील भी की।