राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस क्रॉस वोटिंग की फाइल बंद, वोटिंग को लेकर नरम पड़े कांग्रेस के तेवर

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Uttarakhand Congress: राष्ट्रपति चुनाव के दौरान का कांग्रेस विधायक की क्रास वोटिंग की जांच ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है। पार्टी इस मामले में अपने विधायक पर कार्रवाई नहीं करेगी। दरअसल, गोपनीय मतदान होने की वजह से कांग्रेस को अपने बागी विधायक की पहचान करना मुश्किल हो गया है। राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव मामले की पूरी रिपेार्ट हाईकमान को दी जा चुकी है। स्थानीय स्तर पर चिह्नित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया।

आर्य ने साफगोई से कहा कि चुनाव प्रक्रिया गोपनीय होने के कारण पता लगाना वास्तव में कठिन है। अब सब कुछ समय पर छोड़ा जा रहा है। समय पार्टी के साथ विश्वासघात करने वाले लोगों को निसंदेह स्वयं ही बेनकाब कर देगा। बता दे, प्रदेश में कांग्रेस के 19 विधायक हैं। बीते माह राष्ट्रपति पद पर हुए चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी को मात्र 15 विधायकों ने ही वोट दिया। एक विधायक स्वास्थ्य खराब होने और एक विधायक मोटर मार्ग बाधित होने के कारण वोट नहीं डाल पाए थे।

शेष बचे 17 विधायकों में एक का वोट खराब हो गया, जबकि एक विधायक ने क्रास वोटिंग की। क्रास वोटिंग ने प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति में भूचाल ला दिया। पार्टी हाईकमान ने सख्त रुख अपनाते हुए इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी से रिपोर्ट तलब की। पार्टी यह जानना चाहती है कि हाईकमान के आदेश के बावजूद किस विधायक ने किन कारणों से क्रास वोटिंग जैसा कदम उठाया। दरअसल विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद कांग्रेस में हुए सांगठनिक फेरबदल से पार्टी में व्यापक असंतोष देखा गया।