देहरादून: राज्य के सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। जिसकी पुष्टि जिला सहकारी बैंक रुड़की के निदेशक की बर्खास्तगी ने साबित कर दी है कि उत्तराखंड राज्य के सभी सहकारी बैंकों में हुई भर्ती में भारी मात्रा में धांधली हुई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सहकारिता विभाग की भर्ती प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। गणेश गोदियाल ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम सहकारिता विभाग में मोटी रकम लेकर अपने चहेते लोगों को नौकरियों का बंटवारा हुआ है। इस मामले में सीबीआई जांच करते हुए उन्होंने बैंक भर्ती घोटाले और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि इससे पहले भी कोऑपरेटिव बैंक के रिक्त पदों के लिए जो भर्ती चयन परीक्षा करायी गयी थी। उसे भी भ्रष्टाचार की नीयत से उत्तराखंड की बजाय नोयडा में आयोजित किया गया था। इस परीक्षा में स्थानीय बेरोजगार नौजवानों के हक को मारा गया था। बता दे, भाजपा की 2017 से 2022 के कार्यकाल में बैंक के चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। प्रदेश के तीन जिलों के रिजल्ट के बाद यह घपला सामने आया। साथ ही आरोप है कि जब पूर्ववर्ती सरकार के समय में भी सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत थे तो आरोप लगने के बाद फिर से धन सिंह को ही विभाग क्यों सौंपा गया है। आरोप है कि कॉ-ओपरेटिव बैंक भर्ती में रिश्तेदारों और चहेतों का चयन किया गया।
गणेश गोदियाल ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली उत्तराखंड सरकार द्वारा सहकारी संस्थाओं में हर स्तर पर भ्रष्टाचार को प्राश्रय दिया है। सरकार में बैठे लोग घोटाले खुलने के नाम पर मौनव्रत धारण किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी विभाग तथा कोऑपरेटिव बैंकों में हुए भर्ती घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया था कि सरकार में उगाही की खुली लूट मची हुई है। इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। रुड़की में जिला कोऑपरेटिव बैंक भर्ती की जांच के उपरांत निदेशक की बर्खास्ती ने साबित कर दिया है कि राज्य के सभी सहकारी बैंकों तथा सहकारी संस्थाओं में नौकरी के नाम पर बेरोजगार नौजवानों से मोटी रकम वसूली गई है।