द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट के वायरल वीडियो से मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भाजपा ने जहां विधायक को घेरना शुरू कर दिया है, वहीं इस मामले में कांग्रेस हाईकमान ने गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया है। उधर पूरे प्रकरण की द्वाराहाट पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इससे जुड़े वायरल वीडियो और ऑडियो को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। जिन्हें जल्द ही फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद विधायक का वॉयस सैंपल भी लिया जाएगा। द्वाराहाट विधायक के इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक से बातचीत का आडियो और घर में जबरन घुसने का वीडियो वायरल हो गया था। विधायक पर आरोप हैं कि उन्होंने वहां गाली गलौज की और धमकी दी। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। जिसके बाद विधायक ने भी निदेशक पर कई आरोप लगाए। ये मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
कांग्रेस के प्रदेश स्तर के नेता इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। हालांकि पूर्व सीएम हरीश रावत ने इसे ब्यूरोक्रेसी के फोन न उठाने से जोड़ते हुए अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया। अब इस मामले पर कांग्रेस हाईकमान गंभीर हो गया है। साथ ही इस पूरे मामले की संगठन स्तर से रिपोर्ट तलब होने की बात की जा रही है। विधायक के इस वायरल वीडियो प्रकरण के बाद भाजपा, कांग्रेस आमने सामने आ गए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस मामले में कांग्रेस को जमकर घेरा है। उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारा अपने विधायक के कृत्य पर बचाव को अनुचित बताते हुए कहा कि भाजपा मे ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होने पर संबंधित को समय समय पर पार्टी नेताओं द्वारा उचित फोरम पर समझाया और चेताया जाता है, लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तो अपने आरोपी एमएलए की निंदा करने का थोड़ा साहस भी नही कर पा रहे है। इस मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत के पोस्ट के बाद भी जमकर सियासत हो रही है।
हरीश रावत ने इस मामले को ब्यूरोक्रेसी से जोड़ा था, जिसके बाद भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष, सभी ब्यूरोक्रेट्स और अन्य अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के साथ प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए निर्देशित कर चुकी हैं। फिर भी कहीं कोई समस्या आती है तो उचित फोरम पर मामला संज्ञान में लाया जा सकता है, लेकिन विधायक हो या अन्य जनप्रतिनिधि, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने, किसी के घर पर रात्रि में तोडफोड करने, अभद्र शब्दों के करने या भय का वातावरण पैदा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। भट्ट ने कहा, जिस तरह निदेशक के फोन नहीं उठाने के एकतरफा बयान देकर, अपने विधायक की करतूत से बचने की कोशिश कांग्रेस के बड़े नेता कर रहे हैं वह उनकी पार्टी के अराजक चरित्र को दर्शाता है। अफसोस होता है कि लोकतन्त्र की दुहाई देते हुए मुहब्बत की दुकान चलाने का दावा करने वाली कांग्रेस को अपने विधायक की नफरत और हिंसात्मक भाषा नहीं सुनाई दी।