Uttarakhand Assembly Session: मंगलवार को सदन में कांग्रेस विधायक ने विशेषाधिकार हनन का मसला उठाया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पीठ यह कह चुकी है कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन के मामलों में गंभीरता से कार्रवाई की जाए, लेकिन इस पर सरकार गंभीर नहीं है। इन मामलों में क्या कार्रवाई हुई, इस संबंध में विधायकों को कुछ बताया नहीं जाता। विधायक जसपुर आदेश चौहान ने अपना विषय उठाते हुए कहा कि ऊधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर व्यक्तिगत रंजिश रखने और विधायक के विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया। उन्होंने न्याय न मिलने की सूरत में आत्मदाह तक की चेतावनी दी। इस पर पीठ ने विषय को गंभीर बताते हुए सरकार को जांच के निर्देश दिए।
ये हैं पूरा मामला
‘जुलाई में सूदखोरों के संबंध में शिकायत करने के लिए मैं किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ एसडीएम कार्यालय गया था। वहां से मुझे कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। चौहान ने आगे कहा, ‘शिकायत करने के बाद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उलटा दोपहर दो बजे पुलिस ने मेरा गनर वापस ले लिया। इसके बाद अगले दिन तीन व्यक्ति मेरे घर पर आए और मुझसे अभद्रता की। इन तीनों व्यक्तियों के खिलाफ मैंने थाने में तहरीर दी।’
‘चौहान ने आगे कहा, ‘शिकायत करने के बाद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उलटा दोपहर दो बजे पुलिस ने मेरा गनर वापस ले लिया। इसके बाद अगले दिन तीन व्यक्ति मेरे घर पर आए और मुझसे अभद्रता की। इन तीनों व्यक्तियों के खिलाफ मैंने थाने में तहरीर दी।’ विधायक ने कहा कि उन्होंने थाने में धरना दिया। वहां से आश्वासन मिला, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। थक-हारकर विधायक आदेश चौहान ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। तब कहीं जाकर उनकी रिपोर्ट दर्ज की गई। लेकिन इसके साथ ही चौहान के खिलाफ भी क्रॉस एफआइआर की गई। अब केस से जुड़े जांच अधिकारी को भी बदल दिया गया है। विधायक की शिकायत पर सदन की पीठ ने विषय को गंभीर मानते हुए सरकार को जांच के निर्देश दिए।