कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाए सवाल कहा राज्य गठन के 25 साल बाद भी अगर जनता को इलाज जैसी बुनियादी सुविधा के लिए सड़कों पर उतरना पड़े, तो ये सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। अल्मोड़ा के चौखुटिया में आम लोग हफ़्तों से हड़ताल पर बैठे है क्योंकि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, दवाइयां नहीं, और जवाबदेही नाम की कोई चीज़ नहीं। बच्चों का बुखार भी ठीक से नहीं देखा जाता, गर्भवती महिलाओं को समय पर देखभाल नहीं मिलती, और छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भी लोगों को रेफर कर दिया जाता है। ये वही उत्तराखंड है, जिसके सपनों के साथ लोग राज्य आंदोलन में शामिल हुए थे लेकिन आज 25 साल बाद भी स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है और सरकार सिर्फ़ विज्ञापनों में “स्वस्थ उत्तराखंड” दिखा रही है।