साइबर ठगों ने लोगों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए इन दिनों एक और नया तरीका अपनाया है, जिसका नाम है ‘डिजिटल अरेस्ट’। Cyber Fraud In Haridwar इसमें ठगी करने वाले लोगों को फंसाने के लिए ‘ब्लैकमेलिंग’ या भयादोहन का खेल खेलते हैं और लोग उनके जाल में फंस जाते हैं। इसी क्रम में साइबर ठगों ने हरिद्वार के सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र स्थित नोवेचर इलेक्ट्रिकल एंड डिजिटल सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के वाइस चेयरमैन सरनजीत सिंह को आरोपितों ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर उन्हें तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 43 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित की तहरीर के आधार पर साइबर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
सरनजीत मूलरूप से पंजाब के जालंधर निवासी हैं और वर्तमान में हरिद्वार के शिवालिक नगर में रहते हैं। बीते दिनों उन्हें एक कॉल आई और फोनकर्ता ने कहा की वह मुंबई एयरपोर्ट से बोल रहा है और यहां पर आपका एक पार्सल पकड़ा गया है.इस पार्सल को ईरान भेजा जा रहा था। इसमें दो भारतीय पासपोर्ट,पांच किलो 50 ग्राम ड्रग्स है और इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। सरनजीत को करीब तीन घंटे तक इसी तरह ऑनलाइन रखा गया और इस दौरान सरनजीत के खाते से संबंधित सभी जानकारियां हासिल कर ली गई। कुछ देर बाद सरनजीत के मोबाइल पर मैसेज आना शुरू हो गए और खाते में सात बार में कुल 43 लाख रुपए साइबर ठगों ने अपने खातों में ट्रांसफर कर लिए। साइबर सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया है की पीड़ित की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।