जोशीमठ में खतरा बरकरार! बढ़ने लगी एक महीने पहले आईं दरारें..868 हुई प्रभावित मकानों की संख्या

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Joshimath Land Sinking: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ नगर में भू-धंसाव शुरू हुए करीब एक महीने का वक्त बीच चुका। अभी भी एक महीने बाद जोशीमठ में भू धंंसाव से आई दरारें बढ़ने लगी हैं। वहीं दरारें आने का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को सिंहधार वार्ड में पांच नए भवनों पर दरारें आईं। प्रशासन ने यह दरारें चिन्हित की हैं जबकि कई अन्य मकानों में दरारें बढ़ी हैं। पिछले कुछ समय से भवनों में नई दरारें न आने से प्रशासन ने सर्वे टीम को अन्यत्र कार्यों में लगा दिया था लेकिन अब मकानों में दरारें बढ़ने से फिर से सर्वे टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। सोमवार को सर्वेक्षण टीम ने नए भवनों में पड़ी दरारों का सर्वेक्षण किया। रविवार तक दरारों वाले मकानों की संख्या 863 थीं, जो सोमवार को बढ़कर 868 हो गई हैं। भू-धंसाव से सिंहधार, गांधीनगर, मनोहर बाग और रविग्राम वार्ड अधिक प्रभावित हुआ है।

प्रशासन की ओर से अभी तक 243 परिवारों के 878 सदस्यों को किराए के भवनों व राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। वही, जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों के स्थायी पुनर्वास के फार्मूले पर दस फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में फैसला हो सकता है। स्थायी पुनर्वास से जुड़े प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में रखे जाएंगे। प्रभावितों के पुनर्वास के लिए कई विकल्प सामने आ रहे हैं। जैसे अपनी ही जमीन पर मकान बनाने के लिए सरकारी मदद के अलावा जमीन के बदले कहीं और जमीन देने जैसे सुझाव सामने आ चुके हैं। एक विकल्प यह भी है कि सरकार कोई कॉलोनी खुद विकसित करे और लोगों को वहां शिफ्ट करे। इस बीच अस्थायी पुनर्वास के लिए सरकार ने प्री फैब्रिकेटेड आवास बनाने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, दस फरवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार पुनर्वास के स्थायी समाधान से संबंधित कुछ प्रस्ताव लाएगी। इसमें स्थायी पुनर्वास के तरीके पर फैसला हो सकता है।