Daughter of Uttarakhand creates history | Uttarakhand News | IAS Mudra Gairola | IAS Mudra Gairola

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पिता के अधूरे सपने को साकार करने के लिए एक बेटी ने जाने क्या क्या किया। 50 साल पहले देखे पिता के अधूरे सपने को बेटी ने किया साकार। मेहनत और लंगन देख दंग रह जाएंगे। दोस्तो ये खबर ऐसी कि लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती!”ये पंक्तियां आपने सुनी ही होगी। IAS Mudra Gairola Story बचपन से ही इस कविता को सुनाया जाता है ताकि हम जीवन में आने वाली परेशानियों का डटकर सामना कर सकें। किसी भी परिस्थिति में हार न मानें। इस बात पर अमल करने वाले लोग अक्सर मिसाल बन जाते हैं। एक ऐसी ही मिसाल की कहानी मै आपके लिए लेकर आया हूं। उत्तराखंड की आईएएस अफसर मुद्रा गैरोला, जी हां दोगड़ियो मुद्रा गैरोला, जिनकी मेहनत और लगन ने ना केवल उनके परिवार का बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है। एक बेटी ने पिता के 50 साल पुराने सपने को पूरा कर दिखाया। बता दूं IAS मुद्रा गैरोला उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली हैं। हालांकि, अभी उनका परिवार दिल्ली में रहता है। मुद्रा बचपन से ही पढ़ने में होशियार थीं, मुद्रा ने 10वीं कक्षा में 96 फीसदी अंक हासिल किए। इसके साथ ही 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उन्होंने 97 फीसदी नंबर हासिल किए। इसके बाद उन्होंने मुंबई के एक मेडिकल कॉलेज में बीडीएस यानी डेंटल में दाखिला लिया। खास बात ये है कि, मुद्रा ने यहां भी गोल्ड मेडल हासिल किया। सोचिए दोस्तो क्या कोई डॉक्टरी की पढ़ाई को छोड़ कुछ और करने की सोच सकता है, या ये कहुं कि हिम्मत कर सकता है। लेकिन ऐसा ही कुछ मुद्रा गैरोला ने किया… और किया नहीं उस काम को अंजाम तक भी पहुंचाया।

दरअसल दोस्तो ग्रेजुएशन के बाद वह दिल्ली आ गईं और एमडीएस में दाखिला लिया, लेकिन उनके पिता हमेशा चाहते थे कि वह आईएएस अधिकारी बनें। लिहाजा पिता का सपने पूरा करने के लिए मुद्रा ने एमडीएस की पढ़ाई बीच में छोड़ दिया और UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.. वीडियो में आगे देखिए दोस्तो मुद्रा के त्याग। साल 2018 में मुद्रा ने पहली अटैम्प्ट दिया, जिसमें वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं, फिर ठीक एक साल बाद, यानी कि साल 2019 में दोबारा यूपीएससी के इंटरव्यू राउंड तक पहुंची, लेकिन सिलेक्शन नहीं हो पाया। दोस्तो बार-बार प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिलती तो हम में से बहुत से लोग आर मान लेते हैं। लेकिन मुद्रा गैरोला ने हार नहीं पानी और अपनी कोशिश को जारी रखा, लेकिन साल 2020 में वह मेन्स भी नहीं निकाल पाईं। फिर भी हार न मानते हुए मुद्रा गैरोला ने साल 2021 में एक बार फिर से UPSC की परीक्षा दी। इस बार उनकी मेहनत थोड़ी रंग लाई और उन्होंने 165वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर किया और आईपीएस बन गईं। जी हां आईपीएस बन गई। अब आईपीएस बनना भी इतना आसान नहीं है लेकिन मुद्रा गैरोला के मन में आईपीएस नहीं। आईएएस बनने का सपना था। उन्हें आईएएस से कम कुछ मंजूर नहीं था, और देखिए ना दोस्तो साल दर साल मेहनत। असफल, सफल होते हुए मुद्रा गैरोला ने वो कर दिखाया जिसे करपाना बुहत मुसकिल था। साल 2022 में 53वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर करके वह आईएएस बनने में कामयाब रहीं।

वैसे मुद्रा गैरोला को प्रेरेणा अपने पिता से मिली, लेकिन पिता और बेटी एक अंतर था। उस अंतर को आगे आपको बताउंगा, कि कैसे जिस मुकाम को एक पिता 1973 में हासिल नहीं कर पाया। उस मंजिल पर पुहंच बेटी ने अपने पिता को बैठा दिया। दरसल दोस्तो मुद्रा गैरोला के पिता भी UPSC की तैयारी कर रहे थे। साल 1973 में उन्होंने परीक्षा दी थी… हालांकि वो इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाए। सफल नहीं हो पाने की टीस एक पिता के मन में गहरी थी। जो काम एक पिता नहीं कर पाया था, उस काम उसकी बेटी कर दिखाए। ये सपना भी एक पिता ने देखा था, जो सपना 50 साल बाद साकार भी हो गया है। अब आपको मुद्रा गैरोला बचपन की बात बताता हूं, अकसर ये कहा जाता है कि कोई भी सफल व्यक्ति का बचपन कैसे रहा। बचपन में बढ़ाई में कैसा रहा, ये सब मुद्रा गैरोला तो बचपन से पढ़ाई में अव्वल, रही मुद्रा ने 10वीं में 96% और 12वीं में 97% अंक हासिल किए। मुद्रा ने मुंबई से BDS में गोल्ड मेडल जीता, फिर MDS शुरू किया, लेकिन पिता अरुण गैरोला का IAS बनने का अधूरा सपना उनके दिल में बसा था। 1973 में पिता UPSC में असफल रहे थे, पर मुद्रा ने इसे अपनी मंजिल बनाया। अब इस संघर्ष पर नजर डालिए। 2018 में पहली बार UPSC परीक्षा दी। इंटरव्यू तक पहुंची, लेकिन चयन नहीं हुआ. 2019 और 2020 में भी असफलता मिली, फिर भी हार नहीं मानी। 2021 में 165वीं रैंक के साथ IPS बनीं, लेकिन IAS का सपना अधूरा था। 2023 में 53वीं रैंक हासिल कर आखिरकार IAS बन गईं।

दगड़ियो उत्तराखंड की बेटी मुद्रा की कहानी मेहनत और जुनून की मिसाल है, जो हर उत्तराखंडी के साथ-साथ भारतीय को प्रेरित करती है कि सच्ची लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। दगड़यो अब पढ़ाई के मामले में तो मुद्रा काफी आगे हैं ही, लेकिन सजने- धजने में भी वह कम नहीं हैं। वह साड़ी पहनकर ही सबको पीछे छोड़ जाती हैं। मुद्रा साड़ी पहनना ही ज्यादा पसंद करती हैं, जो उनके इंस्टाग्राम अकाउंट को देखकर साफ लगता है। लेकिन, वह अपने साड़ी लुक्स में मॉर्डन तड़का भी ऐड कर देती हैं। साथी ही उनकी सादगी साफ झलकती है… और वह अपनी प्यारी-सी मुस्कान से दिल जीत लेती हैं। उनका साड़ी में सादा- सिंपल लुक सबको खूब भाता है। मेहनत पर मेहनत करते जाओ तो मंजिल जरूर मिल जाती है, दोस्तो कुछ न करोगे बस सफलता की सुनहरे ख्याल में रहोगे तो कुछ पाने का वक्त खत्म हो जाता है। किसी की सलाह से रास्ते जरूर मिल जाते हैं, लेकिन मंजिल को पाने के लिए खुद से जी तोड मेहनत करनी पडती है। मुद्रा गैरोला ने भी कुछ ऐसा कर दिखाया, और मुद्रा गैरोला के संघर्ष की कहानी अपने उत्तराखंडीयों को नहीं, बल्कि पूरे भारत में प्रेरणा दे रही है।