सहकारिता विभाग के कार्यक्रम और जनसभा में ज्यादा वक्त लगने और स्वास्थ्य कारणों से शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रदेश पदाधिकारियों और कोर ग्रुप की बैठकें टालनी पड़ीं। संगठन के आग्रह पर वह प्रदेश पार्टी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने करीब 40 मिनट बिताए। पार्टी पदाधिकारियों के साथ बेहद सहजता के साथ फोटो भी खिंचाई।
स्वास्थ्य कारणों से शाह को बैठक टालनी पड़ी
शाह को जनसभा के बाद सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार जाना था। वहां प्रदेश पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करनी थी। लेकिन स्वास्थ्य कारणों से शाह को यह बैठक टालनी पड़ी। इसके बाद उन्हें कोर ग्रुप के साथ बैठना था। यह बैठक भी स्थगित कर दी गई।
मिजाज से बेहद सख्त दिखाई देने वाले शाह शनिवार को अलग अवतार में दिखे। पार्टी दफ्तर में भोजन की व्यवस्था थी। शाह पार्टी कार्यालय पहुंचे। उनकी टेबल पर भोजन परोस दिया गया था। लेकिन शाह की आंखें कुछ प्रमुख नेताओं को तलाश रही थीं। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार और सहकारिता मंत्री डॉ. धनसिंह रावत से पूछा कि पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह, विजय बहुगुणा, सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत कहां हैं। उन्होंने तत्काल सभी को पार्टी कार्यालय बुलाने के निर्देश दिए।
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दोनों नेताओं ने फोन करके सभी से पार्टी कार्यालय पहुंचने का अनुरोध किया। बारी-बारी से सभी नेता पार्टी कार्यालय पहुंचे। जब तक वे सभी नहीं पहुंचे शाह ने भोजन नहीं किया। उनके पहुंचने के बाद शाह ने भोजन को गर्म कराया और फिर ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने भोजन की टेबल पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और उमेश काऊ से चर्चा भी की। वह बहुगुणा से मिले।
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इस दौरान उन्होंने बैठक के लिए आए जिलाध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों को भी पार्टी कार्यालय बुलाने को कहा। वे सब वहां पहुंचे। इस दौरान उन्होंने शाह के साथ उन्होंने फोटो खिंचाई। मिजाज से सख्त शाह आज अलग मूड में थे। वह कार्यकर्ताओं के संग फोटो खिंचाते समय काफी सहज दिखे।
शाह की लंच डिप्लोमेसी की चर्चाएं
उत्तराखंड की सियासी हवाओं में तैर रही दलबदल की चर्चाओं के बीच केंद्रीय गृह मंत्री शाह की प्रदेश पदाधिकारियों और कोर ग्रुप की बैठकों को बेहद अहम माना जा रहा था। संभावना जताई जा रही थी कि इन बैठकों में शाह दलबदल को लेकर असंतुष्ट विधायकों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व की भावना से संगठन नेताओं को संदेश साफ कर देंगे। लेकिन बैठकें टल गईं। जिस अंदाज में शाह ने बहुगुणा, महाराज, हरक, उमेश को पार्टी कार्यालय में भोजन के लिए बुलवाया और उनके संग भोजन किया, उसे लंच डिप्लोमेसी के तौर पर देखा जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि शाह ने भोजन की टेबल से खास संकेत देने की कोशिश भी की है।
शाह ने याद किया, अपनेपन का एहसास कराया: हरक
कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोर ग्रुप की बैठक स्थगित होने के बाद हम लोग चले गए थे। लेकिन फिर पार्टी कार्यालय से फोन आया कि आपको अमित शाह ने याद किया है। महाराज, बहुगुणा व अन्य साथी पार्टी कार्यालय पहुंचे। हरक ने कहा कि अमित शाह उत्तराखंड की भावना का समझते हैं। वह अच्छे रणनीतिकार हैं। उनमें सबको साथ लेकर चलने की भावना है। किससे कितना काम लेना है, किसको प्रोत्साहित करना है। वह उत्तराखंड की राजनीति नजाकत को समझते हैं। उन्होंने मुझसे कहा है कि आगे बातचीत करेंगे। शाह ने अपनेपन का एहसास कराया। सब लोग उत्साहित हैं।
उत्तराखंड में राजनीतिक प्रदूषण न लाएं : बहुगुणा
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वह राजनीतिक प्रदूषण न लाएं। राजनीति में कटुता नहीं होनी चाहिए। बहुगुणा प्रदेश पार्टी कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव की राजनीति नहीं करती है। पांच साल गोष्ठियां और कार्यक्रम करती है। कांग्रेस चुनाव की राजनीति करती है। वहां संगठन नहीं है। मेरा अनुरोध है सभी राजनीतिक दलों से प्रदूषण न लाएं। सबका आदर्श है राज्य अच्छा हो। आपस में बात करें, लेकिन कटुता नहीं होनी चाहिए। कोर ग्रुप की बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि लंच पर चर्चा हो गई। दो महीने के कार्यक्रम आ रहे हैं।