नैनीताल हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या करने के मामले में देहरादून की सीबीआई कोर्ट से मिली आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई के बाद पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाल उर्फ हरपाल सिंह को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। इस मामले में मुख्य आरोपी यूपी के बाहुबली नेता पूर्व सांसद डीपी यादव को अदालत पहले ही बरी कर चुकी है।
सीबीआई इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने में असमर्थ
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया गया था। मंगलवार को फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने अपने आदेश में पाल सिंह को बरी करने के साथ यह भी कहा है कि ट्रायल के दौरान सीबीआई इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने में असमर्थ रही। जो सबूत जुटाए गए थे उनमें भी विरोधाभास रहा। आरोपी हरिद्वार जेल में बंद है। कोर्ट ने इस हत्याकांड के अन्य दो आरोपियों की अपीलों में भी निर्णय सुरक्षित रखा है।
1992 को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हो गई थी हत्या
मामले के अनुसार 13 सितंबर 1992 को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या हो गई थी। मामले में डीपी यादव, परनीत भाटी, करन यादव व पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाला पर हत्या के आरोप लगे थे। 15 फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई थी। इस आदेश को चारों अभियुक्तों ने हाईकोर्ट में अलग-अलग अपील दायर कर चुनौती दी थी।