रैणी गांव के जिस जंगल से चिपको आंदोलन शुरू हुआ था वहां कांचुला के कई पेड़ों को क्षति पहुंचाने का मामला सामने आया है। सूचना पर रैणी गांव के ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हुई।
रैणी गांव के जंगल के जिस पगराणी क्षेत्र से चिपको आंदोलन शुरू हुआ था वहां कांचुला के कई पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। सोमवार को गांव का एक व्यक्ति यहां गया था, जिसने पेड़ों को इस तरह के नुकसान की जानकारी अन्य ग्रामीणों व वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना पर रैणी गांव की महिला मंगल दल, युवक मंगल दल सहित अन्य ग्रामीण और वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हुई। टीम के लौटने पर वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा।
बताया जा रहा है कि यहां करीब 15 से 20 पेड़ों से टुकड़े निकाले गए हैं, जिससे यह पेड़ कमजोर हो गए हैं। कई पेड़ों से तो दो से तीन टुकड़े निकालकर उनको खोखला कर दिया गया है, जिससे इनके सूखने की भी आशंका है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सोहन सिंह, देवेंद्र सिंह, त्रिलोक सिंह, रविंद्र राणा, दिनेश राणा, भरत सिंह सहित महिला मंगल दल और युवक मंगल दल के लोग भी जंगल गए हुए हैं।
तस्करी कर टुकड़ों से बनाए जाते हैं फैंसी कटोरे और गिलास
बताया जा रहा है कि पेड़ों से टुकड़े निकालकर इनकी तस्करी की जाती है। इन टुकड़ों से लकड़ी की फैंसी कटोरियां और गिलास बनाए जाते हैं, जो काफी कीमती होते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह किसी बाहर के व्यक्ति का काम हो सकता है।
रैणी गांव के जंगल में पेड़ों से टुकड़े निकालकर उन्हें नुकसान पहुंचाने का मामला संज्ञान में आया है। वन विभाग की टीम ग्रामीणों के साथ मौके पर गई है। टीम के आने के बाद ही वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। – चेतना कांडपाल, रेंजर जोशीमठ रेंज, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क।