केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पहली बार देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा का प्रावधान किया गया है। राज्य केंद्रीय विवि-संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयू-सीईटी) के पैटर्न पर आना चाहते हैं तो आ सकते हैं। हम इसका स्वागत करेंगे। यह मूलत: राज्यों के ऊपर है।
शनिवार को धर्मेंद्र प्रधान देहरादून में प्रदेश पार्टी कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उनसे पूछा गया कि सीयू-सीईटी की पहल के बाद अब देश के सभी विवि में प्रवेश के लिए संयुक्त परीक्षा की भी मांग उठ रही है, इस प्रश्न के उत्तर में प्रधान ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है। इसलिए यह मूलत: राज्यों के ऊपर निर्भर करेगा। यदि वह सीयू-सीईटी पैटर्न से जुड़ना चाहेंगे तो इसका स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा की परिभाषा के अनुसार, उत्तराखंड में तीन वर्ष से 23 वर्ष की आयु तक के करीब 40 लाख छात्र हैं। इन 40 लाख बच्चों के लिए हमें व्यवस्था जुटानी है। बकौल प्रधान, देहरादून पहुंचने पर मैंने शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत के साथ शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की। नई शिक्षा नीति के तहत कुछ विषयों पर उन्होंने होमवर्क किया है। प्ले स्कूल से स्नातक तक के छात्रों की शिक्षा से जुड़े विषयों के बारे में उन्होंने उन्हें काम दिया है। दो से ढाई महीने बाद वह फिर उत्तराखंड आएंगे और इन सभी विषयों पर चर्चा करेंगे। इससे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, वरिष्ठ नेता ज्योति प्रसाद गैरोला, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान, प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र जुगरान, शादाब शम्स, भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी, सुभाष बड़थ्वाल समेत कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
युवाओं को शिक्षा के साथ रोजगार से जोड़ना है
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में युवाओं को पढ़ाई के साथ रोजगार से जोड़ने पर फोकस है। उत्तराखंड में रोजगार परक शिक्षा और कौशल विकास के जरिये राज्य के नौजवानों को रोजगार से जोड़ने के प्रयास होंगे।
उत्तराखंड का शिक्षा का हब बनाना है मकसद
प्रधान ने कहा कि उत्तराखंड को कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में पहले से ही हब है, लेकिन राज्य को शिक्षा के क्षेत्र देश का केंद्र बनाना हमारा मकसद है।
उत्तराखंड से लगाव है, मित्रों से मिलने आया
प्रधान ने कहा कि उनका उत्तराखंड से विशेष लगाव है। वह अपने मित्रों से मिलने यहां आए। पिछले कई चुनावों में कार्यकर्ता के तौर पर वह कई बार उत्तराखंड आ चुके हैं। इस बार वह यूपी चुनाव में थे, इसलिए यहां नहीं आना हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश और उत्तराखंड की जनता ने विश्वास जताया। उसका नतीजा है कि उत्तराखंड बनने के बाद जनता के आशीर्वाद से भाजपा की लगातार दूसरी बार सरकार बनीं।
जनरल खंडूड़ी का आशीर्वाद लिया
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी के आवास पर गए जहां उन्होंने उनसे शिष्टाचार भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया।
कोरोनाकाल के बाद काम का रूप बदल रहा है
उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के बाद काम का रूप बदल रहा है। वर्क फ्राम होम की व्यवस्था बन गई है। बहुत सारे लोग काम करने के लिए पहाड़ में आ गए। अब आगे भी ऐसी रचना बनानी पड़ेगी। पुराने अनुभव से योजना बनाएंगे।