चुनाव 2022: चुनावी माहौल गरमाने इसी महीने उत्तराखंड आ सकते हैं केजरीवाल, सिसोदिया और भगवंत मान

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उत्तराखंड में चुनावी माहौल गरमाने के लिए इसी माह आम आदमी पार्टी के बड़े नेता उत्तराखंड का दौरा करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और भगवंत मान उत्तराखंड आ सकते हैं।

आप पार्टी 2022 के चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने के साथ ही पार्टी की ओर से रोजगार गारंटी यात्रा भी निकाली जा रही है। पार्टी ने अब तक 31 विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। जो विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को मजबूती देने का लगातार काम कर रहे हैं।

आप प्रवक्ता संजय भट्ट का कहना है कि नवंबर पार्टी के लिए खास होने जा रहा है। इसी महीने कृषि कानून को वापस लेने, फसलों का उचित मुआवजा समेत किसानों के अन्य मुद्दों को लेकर पार्टी के बड़े नेता उत्तराखंड दौरा करेंगे। जल्द ही पार्टी इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव का बिगुल बज चुका है। इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार के कई मंत्री और पार्टी के अन्य बड़े नेता भी उत्तराखंड दौरे पर आएंगे। जो प्रदेश के अलग-अलग विधानसभाओं में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाएंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आप पार्टी का जनाधार लगातार बढ़ रहा है। जिससे भाजपा व कांग्रेस नेताओं में भय का माहौल बना है। राज्य गठन के बाद प्रदेश की जनता कांग्रेस और भाजपा को देख चुकी है। इस बार प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है।
आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप करेंगे विकास : कोठियाल
आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री प्रत्याशी कर्नल अजय कोठियाल (रि.) ने कहा कि उन्हें आर्मी ने प्रशिक्षण के दौरान विपरीत परिस्थितियों में निर्णय लेकर लीडर की तरह कार्य करना सिखाया है। वे प्रदेश में राजनीति की इस विपरीत परिस्थिति में कार्य करने में सक्षम हैं। सत्ता में आते ही उत्तराखंड के आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप प्रदेश का विकास किया जाएगा।

बुधवार सुबह पार्टी की तिरंगा यात्रा के तहत कर्नल अजय कोठियाल कोटद्वार पहुंचे। उन्होंने श्री सिद्धबली मंदिर में मत्था टेका और बाबा के दर्शन किए। इसके बाद कौड़िया से पार्टी की तिरंगा यात्रा शुरू होकर मालवीय उद्यान पहुंची। इस अवसर पर कर्नल कोठियाल ने कहा कि वे आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप प्रदेश का विकास चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के नेताओं में लीडरशिप की कमी है। यही कारण है कि वे अपने विवेक का उपयोग किए बिना सभी योजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन बताते हैं। नेताओं की पैरवी की कमी के कारण उत्तराखंड के टिहरी में बनने वाली बिजली का उपयोग उत्तर प्रदेश कर रहा है। यहां के नेता कोर्ट में बिजली को लेकर हार चुके हैं। उन्होंने उत्तराखंड के मुद्दों पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है। सत्ता में आते ही उत्तराखंड आंदोलन के सवालों पर कार्य किया जाएगा।