पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य में निजी स्कूल खोलने के लिए भूमि और सुविधाएं दिए जाने के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्णय की तारीफ की है। रावत ने कहा कि उन्होंने भी अपने कार्यकाल के दौरान ऐसा ही प्रयास किया था, लेकिन काफी हद तक वह सफल नहीं हो पाया।
अपने फेसबुक पेज पर हरीश रावत ने कहा कि यूं तो डॉ. धन सिंह रावत का कोई काम शाबाशी के लायक नहीं है, लेकिन इस काम के लिए वह उन्हें शाबाशी देते हैं। उन्होंने यह प्रयास वर्ष 2015-16 में किया था। पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षण संस्थाओं व चिकित्सालयों को स्थापित करने के लिए आगे आने वाले लोगों को हमने सरकारी जमीन 33 साल की लीज पर और निजी जमीन उन्हें खरीदने की अनुमति देने की बात कही थी।
इसके लिए लीजिंग पॉलिसी भी बनाई थी। इसमें विद्यालयों या शिक्षण संस्थाओं में 30 प्रतिशत सीटें राज्य के लोगों और 10 प्रतिशत सीटें निकटवर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान था। इसके साथ ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय लोगों को रखे जाने का प्राविधान किया था।