Dehradun: फर्जी IAS अफसर बनकर ले रहा था मौज, 22 लाख की चपत लगाकर हुआ रफूचक्कर

फर्जी अधिकारी दून के एक परिवार का भरोसा जीतकर न सिर्फ उनके घर पर रहा, बल्कि समय समय पर लाखों रुपए भी ऐंठ लिए।

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राजधानी देहरादून में फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर एक व्यक्ति मौज ले रहा था। यह फर्जी अधिकारी दून के एक परिवार का भरोसा जीतकर न सिर्फ उनके घर पर रहा, बल्कि समय समय पर लाखों रुपए भी ऐंठ लिए। Dehradun Fake IAS Fraud पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ कोतवाली पटेल नगर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस में दर्ज संतोष शर्मा की शिकायत के मुताबिक हिमांशु जुयाल से उनकी मुलाकात उनकी मौसी सुधा की पुत्री साक्षी अंथवाल ने 20 अगस्त 2023 को करवाई थी। साक्षी ने बताया कि हिमांशु एक आईएएस अधिकारी है। वह इन दिनों स्टडी लीव पर है और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय पर पीएचडी कर रहे हैं। उसकी नियुक्ति एफसीआई बलरामपुर में है। साथ ही उसने अपना आई कार्ड भी एलबीएस अकादमी मसूरी का दिखाया था। इस पर संतोष शर्मा को हिमांशु पर विश्वास हो गया। मौसी की लड़की के कहने पर उसे अपने यहां किराए पर रख लिया।

एक दिन हिमांशु ने कहा कि ताऊ बीरेन्द्र जुयाल अखिल भारतीय बागवानी में निदेशक हैं और उनसे वह कोई भी बड़ा काम आसानी से करवा सकता है। पीड़ित की एफसीआई में नौकरी लगवा सकता है। हिमांशु को रहते हुए करीब 06 महीने हो गए और एक दिन हिमांशु ने कहा कि गाजियाबाद में उसका मकान बन रहा है, इसके लिए मदद चाहिए। पीड़ित ने विश्वास में आकर हिमांशु को 6 लाख 23 हजार रुपए दे दिए। लंबे समय तक भी जब रकम नहीं लौटाई गई तो उन्हें उसके अधिकारी होने पर शक हुआ। हिमांशु को जब लगा कि उसका भेद खुलने वाला है तो वह घर से उनकी पत्नी के 07 लाख रुपए के गहने, 1.26 लाख रुपए का मोबाइल और अन्य सामान लेकर फरार हो गया। इतना ही नहीं हिमांशु ने सवा लाख रुपए का फोन भी पीड़ित के नाम से खरीदा, जिसकी वह किस्त अदा कर रहे हैं। आरोप है कि अब वो पैसे वापसी के नाम पर टालमटोल कर रहा है। कोतवाली पटेल नगर प्रभारी कमल सिंह ने बताया है कि पीड़ित संतोष शर्मा की तहरीर के आधार पर आरोपी हिमांशु जुयाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।