15 प्रतिशत सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि पूरे प्रदेश से 2255 कोविड संक्रमित सैंपलों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दून मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला को भेजे गए। इसके सापेक्ष 159 सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट मिली है। इसमें 85 सैंपलों में ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया। प्रदेश में जितने भी सैंपल कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं। उनमें लगभग 15 प्रतिशत सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है।
महानिदेशक ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है। जिससे संक्रमित मामले बढ़ रहे हैं। ओमिक्रॉन का प्रभाव ज्यादा घातक नहीं है। अधिकतर लोग होम आइसोलेशन में रह कर ठीक हो रहे हैं। पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित व्यक्ति में संक्रमण पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है लेकिन ओमिक्रॉन से घबराने की आवश्यकता नहीं है।
संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहना है। सभी लोगों को कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन अनिवार्य रूप से करना है। मास्क पहनने के साथ ही सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।