ऋषिकेश: पीडब्ल्यूडी ने सुरक्षा के काम के नाम पर खोद डाली जाखन नदी पर बने पुल की कब्र

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ऋषिकेश में पीडब्ल्यूडी ने रानीपोखरी मोटरपुल के नीचे जाखन नदी में मोटर पुल की सुरक्षा के लिए सीसी ब्लॉक बनाने का काम नहीं किया होता तो शायद आज पुल आज भी खड़ा होता। लोनिवि ऋषिकेश ने सीसी ब्लॉक निर्माण के लिए 40 लाख खर्च किए। निर्माण कार्य के लिए पुल के पास जमकर खनन कर रेता बजरी निकाला गया। जिससे पुल के आसपास का क्षेत्र गहरा और खोखला हो गया।

स्थानीय लोगों का कहना था कि लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश ने रानीपोखरी मोटरपुल के नीचे जाखन नदी में सीसी ब्लॉक बनाने का काम किया गया था। तब कार्यदायी संस्था ने पुल के आसपास से ही खनन कर बजरी, रेता और पत्थर एकत्रित किया था। पुल के ऊपर (थानो वन रेंज)  और नीचे की ओर (बड़कोट वन रेंज) से इस मटेरियल से सीसी ब्लॉक तैयार किए थे।

 

भोगपुर निवासी सुधीर जोशी ने बताया कि तब उन्होंने देहरादून के प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान और लोनिवि ऋषिकेश के तत्कालीन अधिशासी अभियंता विपुल सैनी को फोटो और वीडियो भेजकर पुल के भविष्य में क्षतिग्रस्त होने का अंदेशा जताया था।

उसके बाद लोनिवि ऋषिकेश ने पुल के ऊपर और नीचे की ओर से गड्ढों को मजदूर से भरवा दिया था। देहरादून वन प्रभाग के थानो रेंज ने कार्यदायी संस्था लोनिवि ऋषिकेश पर 51 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था। ब्लॉक बनने के दौरान पुल के आसपास छह से नौ फीट गहरे गड्ढ़े बन गए थे।
पुलों के लिए खतरा बन रहा नदियों में अवैध खनन
जाखन, सौंग, बिदालना और चंद्रभागा नदी में खनन के कारण आसपास के पुलों को नुकसान हो रहा है। दरअसल संबंधित विभाग खनन का पट्टा जारी कर चैन की नींद सो जाते हैं। जिससे नदियों में रात में अवैध खनन पर भी जोरों पर चलता है। जाखन नदी में जिस स्थान पर मोटरपुल ढहा उसके ऊपर की ओर थानों रेंज में है। नीचे की ओर बड़कोट रेंज में है।

 

बड़कोट रेंज में 200 मीटर नीचे जनवरी 2020 को खनन पट्टा जारी हुआ था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां पर वैध पट्टों के साथ अवैध खनन भी होता आ रहा है। सौंग नदी में गूलरघाटी, बक्सरवाला-कालूवाला, माजरी और धर्मूचक में खनन होता है। जाखन नदी में रानीपोखरी (पेट्रोल पंप के नजदीक), भोगपुर में वन विकास निगम देहरादून की ओर से खनन किया जाता है। बिदालना नदी में खनन पट्टे जारी नहीं होते। लेकिन यहां रात में ट्रैक्टर-ट्रॉली से खनन किया जाता है।

कभी कभार वन विभाग एक दो ट्रैक्टर पकड़ती है, ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी में चोरपानी से चंद्रेश्वरनगर के तट तक अवैध खनन किया जाता है। यहां रातभर घोड़े खच्चरों से नदी का रेता बजरी बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर के डंपिंग जोन में डंप की जाती है। वन विभाग और सिंचाई विभाग खनन के पट्टे तो जारी कर देते हैं। लेकिन इसके बाद अधिकारी खनन साइट पर झांकने की जहमत नहीं जुटाते। ऐसे में खननकारी मनचाहे ढंग रेता बजरी का चुगान करते हैं।

रानीपोखरी पुल के पास ग्राम समाज की जमीन
बड़कोट के रेंजर डीएस रावत ने बताया कि रानीपोखरी मोटरपुल के नीचे की ओर से जो जमीन है वह रानीपोखरी के शांतिनगर ग्राम सभा की है। यहां पर ग्राम के लोग खनन कर सकते हैं, यदि मोटरपुल के आसपास अवैध खनन होता है तो ग्राम प्रधान को कार्रवाई करने का अधिकार है। वन विभाग का क्षेत्र करीब दो किलोमीटर नीचे से शुरु होता है। यहां सरकार की ओर से जो खनन करवाया जाता है, उसे रिवर रिटेनिंग के तहत खनन कराया जाता है।

अवैध खनन से बाजार में हुई खच्चरों की समस्या
ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी में अवैध खनन के कारण कई गहरे गड्ढे हो गए थे। यहां पर दिनभर खनन करके मटेरियाल एकत्रित किया जाता है। फिर घोड़े खच्चरों से रात दस बजे से सुबह सात बजे तक रेता बजरी बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर के यहां एकत्रित किया जाता है। रात खुलते ही इन घोड़े खच्चरों को बाजार में छोड़ा जाता है।

वन विभाग के बैरियरों पर नहीं होती उपखनिज की जांच
रात को जो टैक्टर अवैध खनन कर रेता बजरी लाते हैं, वन विभाग की चेक पोस्ट सैन चौकी (थानो रेंज), भोपाल पानी (थानो रेंज) अपर जौली (थानो रेंज) नटराज चौक (ऋषिकेश रेंज) में जांच नहीं की जाती।

एक रवान्ना पर निकलते हैं पांच डंपर
जिस स्थान पर खनन होता है वहां वन विभाग और स्थानीय प्रशासन और पुलिस का ऐसा गठजोड़ होता है कि एक रवन्ना पर पांच डंपर रेता बजरी बाहर निकाल ली जाती है। कई बार फर्जी रवन्ना से खनन ढ़ोते हुए वाहन भी पकड़े जा चुके हैं।
खनन के कारण टूटा 57 साल पुराना मोटर पुल: हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 57 साल पुराने रानीपोखरी मोटर पुल के टूटने का मुख्य कारण खनन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पुल का एनुअल सेफ्टी ऑडिट करवा कर रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए पुलों के आसपास के 300 मीटर क्षेत्र में खनन पर प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को रानीपोखरी मोटर पुल का निरीक्षण किया। हरीश रावत ने कहा कि रानीपोखरी पुल जाखन नदी के वेग से नहीं टूटा है, खनन के कारण नदी के पिलरों के आसपास बने गड्ढों पर पानी भर गया। जिससे पुल के पिलर धराशायी हो गए।

उन्होंने कहा कि पुल के सुरक्षा कार्यों के लिए निर्माण समाग्री भी पुल के आसपास खनन कर जमा की गई। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में वे मुख्यमंत्री को दोष नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने हाल में ही सत्ता संभाली। हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री को स्वतंत्र एजेंसी से पुल की थर्ड पार्टी जांच के लिए तत्काल आदेश करने चाहिए। जिससे दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके।

ऑल वेदर रोड पर केंद्र सरकार को घेरा  
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग की मौजूदा हालत के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ठेकेदारों का फायदा पहुंचाने चारधाम यात्रा मार्ग का नाम बदलकर ऑल वेदर कर दिया। अब ऑल वेदर रोड के नाम पर जंगलों का काटा जा रहा है। पहाड़ों को काटने के ब्लास्टिंग की जा रही है। जंगल उजड़ रहे है और पहाड़ दरक रहे हैं। जिसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा ऑल वेदर नहीं लोगों को तकलीफ देने वाली रोड है।