उत्तराखंड विस शीतकालीन सत्र 2021: आज सदन में पेश होगा अनुपूरक बजट, विपक्ष ने रोजगार के मुद्दे पर किया वॉक आउट

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उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदेश सरकार शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी। अनुपूरक बजट 1400 से 1500 करोड़ के बीच हो सकता है। इसके अलावा सरकार उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को समाप्त करने के लिए सदन में विधेयक पेश करेगी।

वहीं शुक्रवार को विधानसभा सदन की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्न काल में विपक्ष द्वारा रोजगार के मुद्दे पर वॉक आउट किया गया। प्रश्नकाल में बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए। नेता विपक्ष प्रीतम सिंह और विधायक काजी निजामुद्दीन ने सरकार पर बेरोजगारों को गुमराह करने का आरोप लगाया। कहा कि 2020 में कहा था 10 लाख को रोजगार दिया गया। अब सदन में कहा गया कि सात लाख को रोजगार दिया गया है। उन्होंने सदन में गलत जानकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की चेतावनी दी।
आठ विधेयक पटल पर रखेगी सरकार
गुरुवार से शुरू हुए सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को सरकार अपना कामकाज निपटाएगी। सदन में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन निरसन विधेयक 2021 समेत आठ विधेयक पटल पर रखेगी। हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को समाप्त करने का निर्णय लिया गया था।

इसके अलावा सरकार नजूल भूमि पर फ्री होल्ड का अधिकार देने के लिए भी सदन में बिल पेश करेगी। इस बिल के तहत सरकार नजूल भूमि को फ्री होल्ड करने के लिए नीति को लागू करेगी।

सदन में पेश होंगे ये विधेयक
-उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन निरसन विधेयक, 2021
-उत्तराखंड पंचायती राज द्वितीय संशोधन विधेयक, 2021
-आम्रपाली विश्वविद्यालय के विधेयक, 2021
-उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक 2021
-सोसाइटी रजिस्टरीकरण उत्तराखंड संशोधन विधेयक, 2021
-उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश) लोक सेवा (अधिकरण)(संशोधन) विधेयक 2021
-उत्तराखंड सिविल विधि संशोधन विधेयक, 2021
उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडली, विकास एवं विनियमन पुनर्जीवित विधेयक 2021
विपक्ष हमले को तो सरकार पलटवार को तैयार
उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र खासा गरम हो सकता है। सत्तापक्ष और विपक्ष ने पूरी तैयारी कर ली है। सदन में विपक्ष महंगाई, रोजगार, किसान, लोकायुक्त, कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमला बोलेगा। देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को समाप्त करने का प्रदेश सरकार ने बेशक निर्णय ले लिया है, लेकिन विपक्ष इस मसले को उठाकर सकार को असहज करने का प्रयास करेगा। साथ ही गैरसैंण, भू कानून और कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर भी विपक्ष की सरकार को घेरने की तैयारी है।

उधर, विपक्ष के हमले को लेकर चौकन्नी सरकार ने भी हर मुद्दे पर पलटवार की तैयारी की है। सत्ता पक्ष की बागडोर पार्टी के सभी वरिष्ठ मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों के कंधों पर होगी। दो दिन की छोटी सी अवधि के सत्र में सरकार भी अपने पांच साल की उपलब्धियों और हाल ही में लिए गए लोक हित के फैसलों के जरिये विपक्ष के हमलों की धार को कुंद करने का प्रयास करेगी। इसके अलावा नेता सदन पुष्कर सिंह धामी भी सदन के भीतर कुछ नई घोषणाओं से जवाब दे सकते हैं।

प्रदेश सरकार के हाल ही में पलटे गए फैसलों के जरिये विपक्ष हमला बोलेगा। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इसके संकेत दिए हैं। उनके मुताबिक, प्रदेश भाजपा सरकार रोल बैक सरकार के तौर पर जानी जाएगी। पिछले पांच साल में इस सरकार ने अपने ही लिए गए फैसले पलटने का काम किया है।  लोकायुक्त बिल लाई और खुद ही प्रवर समिति को भेज दिया। गैरसैंण में कमिश्नरी बनाने की घोषणा की, उसे वापस ले लिया। देवस्थानम प्रबंध बोर्ड बनाया, उसे भी भंग करने का फैसला कर लिया। जिला प्राधिकरणों बनाए, उनके लिए भी कमेटी बना दी। भू कानून बनाया उसे भी वापस लेने के लिए कमेटी के हवाले कर दिया।

भाजपा से कांग्रेस में गए पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के काफिले पर पिछले दिनों बाजपुर में हुए हमले को मुद्दे को भी विपक्ष कार्यस्थगन प्रस्ताव में उठाने की तैयारी में है। गैरसैंण पर भी सदन गरमा सकता है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से पिछले पांच साल में अवस्थापना कार्य के नाम पर उठाए गए कदमों का हिसाब मांग सकता है। गैरसैंण से बदलकर सत्र देहरादून में किए जाने को भी विपक्ष मुद्दा बना सकता है।

हमें पूरी आशा है कि सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से चलेगी और सदस्य अपने विषयों को प्रमुखता से उठाएंगे और उन पर चर्चा करेंगे। सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सदन की कार्यवाही में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। सरकार विपक्ष के सभी प्रश्नों और विषयों का संतोषजनक ढंग से उत्तर देने का पूरा प्रयास करेगी।
– बंशीधर भगत, संसदीय कार्यमंत्री

विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है। सत्र की अवधि बहुत सीमित है, जबकि विषय काफी ज्यादा हैं। फिर भी हमारी कोशिश अधिक से अधिक मुद्दों को सदन में उठाने की होगी। महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की ऋण माफी, कोरोना महामारी, लोकायुक्त, कानून व्यवस्था, देवस्थानम बोर्ड, गैरसैंण व भू कानून, कर्मचारियों की हड़ताल जैसे प्रमुख विषय हैं, जिन्हें कार्यस्थगन व अन्य नियमों के तहत उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।
– प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष