उत्तराखंड में चढ़ा सियासी पारा: परिसंपत्ति बंटवारे पर भाजपा मना रही जश्न तो वहीं विपक्ष ने छेड़ी जंग

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उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बीच परिसंपत्ति के बंटवारे पर बनी सहमति को लेकर भाजपा में जश्न है तो कांग्रेस ने इसे लेकर सियासी जंग छेड़ दी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने समझौते के दिन को काला दिवस करार दिया।

उन्होंने समझौते के खिलाफ राजभवन और अदालत में जाने की चेतावनी तक डे डाली है। पार्टी ने प्रदेश सरकार से श्वेत पत्र जारी करने और समझौते की हकीकत को साफ करने के लिए विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है। उक्रांद ने भी श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।

उत्तरप्रदेश से बनी सहमति ऐतिहासिक: भाजपा
कुल मिलाकर परिसंपत्तियों के बंटवारे को दोनों राजनीतिक दलों ने चुनावी मुद्दा बना दिया है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा उत्तरप्रदेश से बनी सहमति को ऐतिहासिक करार दे रही है। पार्टी ने इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिया है। लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे से धामी जब देहरादून लौटे तो पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। देहरादून की सड़कों पर रोड शो निकाला गया।

मझौते वाला दिन काला दिवस: कांग्रेस
पार्टी के इस जश्न से ठीक पहले कांग्रेस भवन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने परिसंपत्तियों पर यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के बीच बनी सहमति को मानने से इनकार कर दिया।

उन्होंने समझौते वाले दिन को काला दिवस करार देते हुए इसके खिलाफ राजभवन जाने और अदालत में चुनौती देने तक की चेतावनी दे डाली। कुल मिलाकर परिसंपत्तियों के मुद्दे पर भाजपा सहमति के बिंदुओं का श्रेय ले रही है तो कांग्रेस इस पर सवाल उठाकर सियासी फायदा लेने का प्रयास कर रही है।
जल-जंगल-जमीन को गिरवी रख दिया : प्रीतम
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने परिसंपत्तियों के समझौते के नाम पर उत्तराखंड के जल, जंगल, जमीन को उत्तर प्रदेश के हाथों में गिरवी रख दिया। इस दिन को कांग्रेस काला दिवस के रूप में मनाएगी।

सरकार इस मसले पर श्वेत पत्र जारी करे। इसके लिए अलग से विधान सभा का सत्र बुलाया जाए और सरकार बताए कि वास्तविकता क्या है। ट्रिपल इंजन की सरकार में उत्तराखंड के हितों के संरक्षण के बजाए केंद्र सरकार के दबाव में परिसंपत्तियों के मामले में यूपी के आगे समर्पण किया गया।

कांग्रेस 10 साल सत्ता में रही लेकिन परिसंपत्तियों के बंटवारे के मसले का समाधान नहीं करा पाई। भाजपा सरकार में पिछले पांच साल में पूरी गंभीरता के साथ लगातार प्रयास हुए। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दिल दिखाया। विरोध कांग्रेस की खिसियाहट है।