उत्तराखंड गठन के बाद से अब तक प्रदेश में वोटरों की संख्या में 25 लाख का इजाफा हो चुका है। जहां अंतरिम सरकार के बाद 2002 के पहले चुनाव में प्रदेश में 52 लाख 70 हजार मतदाता थे, वहीं 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए अब तक इनकी संख्या 78 लाख 46 हजार तक पहुंच चुकी है। जनवरी के प्रथम सप्ताह तक यह संख्या और बढ़ जाएगी। नए वोटर कार्ड बनाने की प्रक्रिया प्रदेश में जारी है।
राज्य गठन के बाद निर्वाचित सरकार के लिए पहला विधानसभा चुनाव 2002 में हुआ था। इस चुनाव में मतदान प्रतिशत 54.34 प्रतिशत रहा था जबकि चुनाव 6753 बूथों पर हुआ था। 2007 के चुनाव में मतदान प्रतिशत 63.72 रहा जबकि पोलिंग बूथों की संख्या 7491 थीं। 2012 के चुनाव में मतदान प्रतिशत 67.22 दर्ज हुआ जबकि पोलिंग बूथों की संख्या 9806 थी। इसके बाद हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई।
इस बार 65.60 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि पोलिंग बूथों की संख्या 10,854 थी। अब चुनाव आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती ज्यादा से ज्यादा वोटरों को पोलिंग बूथों तक लाने की है। इसके लिए आयोग विशेष कसरत कर रहा है ताकि 2021 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हो।
2002 चुनाव पर एक नजर
कुल मतदाताओं की संख्या- 52,70,375
कुल मताधिकार का प्रयोग करने वाले- 28,63,886
मतदान प्रतिशत- 54.34 प्रतिशत
कुल मतदान केंद्र- 6753
2007 चुनाव पर एक नजर
कुल मतदाताओं की संख्या- 60,82,755
कुल मतदाधिकारी का प्रयोग करने वाले- 37,61,854
मतदान प्रतिशत- 63.72
कुल मतदान केंद्र- 7491
2012 चुनाव पर एक नजर
कुल मतदाताओं की संख्या- 62,77,956
कुल मताधिकार का प्रयोग करने वाले-42,19,925
मतदान प्रतिशत-67.22
कुल मतदान केंद्र- 9806
2017 चुनाव पर एक नजर
कुल मतदाताओं की संख्या-75,92,996
कुल मताधिकारी का प्रयोग करने वाले- 49,89,690
मतदान प्रतिशत-65.60
कुल मतदान केंद्र-10,854
2021 चुनाव की तैयारी पर नजर
कुल मतदाताओं की संख्या(एक नवंबर तक) – 78,46,000
कुल मतदान केंद्र- 11,647
(चुनाव के वोटरों की अंतिम संख्या जनवरी के प्रथम सप्ताह में जारी होगी।)
दो दिन मतदाता बनाने का बड़ा अभियान
निर्वाचन विभाग की ओर से युवाओं को लगातार वोटर बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत 27 व 28 नवंबर को प्रदेशभर में बड़ा अभियान चलेगा। इसमें कोई भी अपना वोट अपने निकटतम पोलिंग बूथ पर जाकर बनवा सकता है। दो दिन सभी बीएलओ अपने बूथ में बैठेंगे। इसके साथ ही वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से भी अपना वोट बनवा सकते हैं। 30 नवंबर तक यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके बाद जनवरी के प्रथम सप्ताह में अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।