प्रदेश सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल चंद्र पुनेठा को राज्य का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया है। पुनेठा के साथ ही दो नए राज्य सूचना आयुक्त भी बनाए गए हैं। देहरादून के निवासी एडवोकेट विवेक शर्मा और नई दिल्ली के विपिन चंद्र राज्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगे। प्रभारी सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
उत्तराखंड सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त की कुर्सियां लंबे समय से खाली थीं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनीं चयन समिति ने शासन को प्राप्त आवेदनों के आधार पर चयन किया है। समिति में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत भी थे।
लोहाघाट के पुनेठा आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव भी रहे
मुख्य सूचना आयुक्त बनें अनिल चंद्र पुनेठा 1984 बैच के आईएएस अफसर (सेनि) रहे। वह आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए। वह लोहाघाट के मूल निवासी हैं। उन्होंने सातवीं कक्षा तक पढ़ाई मूल गांव से ही की। उन्होंने हरिद्वार से इंटरमीडिएट और मुजफ्फरनगर से स्नातक की पढ़ाई की। दिल्ली विवि से उन्होंने विधि स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए। अपनी ईमानदार छवि और कर्तव्यनिष्ठा और प्रशासनिक अनुभव की वजह से वह पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू की पसंद रहे।
संघ पृष्ठभूमि के एडवोकेट विवेक शर्मा
प्रदेश सरकार ने देहरादून के एडवोकेट विवेक शर्मा को भी राज्य सूचना आयुक्त बनाया है। शर्मा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि से बताए जाते हैं। उनकी शिक्षा देहरादून से हुई। डीएवी पीजी कॉलेज से उन्होंने स्नातक और विधि की पढ़ाई पूरी की।
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर विवाद
मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के चयन को लेकर विवाद हो गया है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह जो चयन समिति के सदस्य भी हैं, उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि चयन को लेकर जो व्यवस्था बनी है, उसे ध्वस्त कर दिया गया। एक नई परंपरा शुरू कर दी गई है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्तों के चयन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में एक चयन समिति बनी थी। समिति में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत और नेता प्रतिपक्ष भी सदस्य थे। चयन समिति की बैठक भी हुई।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में वरीयता में रखे गए नामों पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। इसमें प्रीतम सिंह की राय जुदा थी। बकौल प्रीतम सिंह, मैं एक बैठक में शामिल हुआ, उसमें कोई सहमति नहीं बनी। इस बीच शासन ने मुख्य सूचना आयुक्त व दो सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी। प्रीतम सिंह ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यदि नियुक्तियां हुई हैं, तो सरकार की ओर से एक नई परंपरा शुरू कर दी गई है। चयन की पूरी व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया गया है।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सूचना आयुक्तों के चयन को लेकर सवाल उठाए थे। सोशल मीडिया पर उन्होंने एक पोस्ट जारी की थी। इस पोस्ट में उन्होंने संकेत दिए थे कि दक्षिण में प्रशासनिक सेवा से जुड़े उत्तराखंड मूल के एक पूर्व नौकरशाह को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया जा रहा है। शासन ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अनिल चंद्र पुनेठा को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया है। इस संबंध में संपर्क करने पर प्रभारी सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने कहा कि वह चयन समिति के सदस्य नहीं है, इसलिए इस बारे में कुछ भी कहने में असमर्थ हैं।