उत्तराखंड: बदरीनाथ जा रहा वाहन अलकनंदा में गिरा, पत्थर पर लटक कर एक ने बचाई जान, दूसरा लापता

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उत्तराखंड के श्रीनगर में बुधवार देर रात एक हादसा हो गया। यहां बदरीनाथ जा रहा एक वाहन अलकनंदा नदी में समा गया। हादसा देर रात करीब एक बजे के आसपास हुआ। संदीप राठी और आकाश राठी वाहन में सवार थे। दोनों चचेरे भाई हैं। आकाश अस्पताल में भर्ती और संदीप लापता चल रहा है।

नदी के बीच पत्थर को पकड़ कर एक आदमी ने बचाई जान
जानकारी के मुताबिक श्रीनगर में श्रीयंत्र टापू के पास एक वाहन अलकनंदा नदी में गिर गया। हादसे की सूचना मिलते ही फायर सर्विस यूनिट श्रीनगर तुरंत घटना स्थल पहुंची। राहत-बचाव टीम हादसे वाली जगह पहुंची तो देखा कि आकाश नदी के बीच पत्थर को पकड़े हुए है।

फायर सर्विस यूनिट ने आकाश को रस्सों में बांधकर नदी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया। पुलिस के द्वारा उसे नजदीकी अस्पताल भिजवाया गया। वहीं कार सवार संदीप अभी भी लापता है। उसकी तलाश की जा रही है। दोनों हरिद्वार जिले के नारसन कला के रहने वाले हैं और बदरीनाथ जा रहे थे।

 

रुद्रप्रयाग: चौड़ीकरण से लटके चट्टान के हिस्से बने दुर्घटना के सबब
वहीं ऑलवेदर रोड परियोजना में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे के चौड़ीकरण में कई जगहों पर ऊपरी तरफ चट्टानों के बड़े-बड़े हिस्से छोड़ दिए गए हैं, जो लटक रहे हैं। इन जगहों पर निरंतर दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। बावजूद इसके एनएच व कार्यदायी संस्था द्वारा सुधारीकरण नहीं किया जा रहा है।

ऑलवेदर रोड परियोजना में हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन जिस तरह से हाईवे पर कटिंग की गई है, वह कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर से रुद्रप्रयाग के बीच जहां हनुमान मंदिर, चमधार, सिरोहबगड़ और नरकोटा अति संवेदनशील भूस्खलन जोन बने हुए हैं।

वहीं नरकोटा व रैंतोली के समीप चौड़ीकरण के दौरान चट्टानों के ऊपरी हिस्सों को छोड़ दिया गया है। वहीं, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर भटवाड़ीसैंण में पहाड़ी हिस्से की कटिंग में भारी अनियमितता बरती गई है। यहां पर कई हिस्सों में कटिंग के दौरान बड़े बोल्डर छोड़े गए हैं। इसके अलावा मेदनपुर और तिलवाड़ा बाजार के समीप भी हाईवे अति संवेदनशील बना हुआ है।

इधर, एनएच के सहायक अभियंता अनिल बिष्ट ने बताया कि दोनों राजमार्गों पर जिन-जिन स्थानों पर कटिंग के दौरान चट्टानी हिस्सा छूटा हुआ है, उसे ध्वस्त कर ठीक किया जाएगा। साथ ही भूस्खलन व भूधंसाव जोन के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।