100 दिन में बनेगी उत्तराखंड की नई पर्यटन नीति, निवेश को बढ़ावा देने की तैयारी

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उत्तराखंड में तीर्थाटन और साहसिक पर्यटन में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार 100 दिन में नई पर्यटन नीति बनाएगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से नीति का खाका तैयार किया जा रहा है। इस नीति में सरकार की ओर से पर्यटन क्षेत्र में निवेश पर प्रोत्साहन व अन्य सहायता दी जाएगी।

प्रदेश में पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार के समय वर्ष 2018 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के साथ ही पर्यटन नीति लागू की गई। इस नीति को उद्योग विभाग के माध्यम से लागू किया जा रहा है। पिछले चार साल में लगभग 3600 करोड़ रुपये का निवेश पर्यटन के क्षेत्र में हुआ है। प्रदेश में साहसिक समेत अन्य पर्यटन गतिविधियां, होटल, रिजार्ट में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति तैयार की जा रही है। नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के साथ ही पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकार नीति में निवेश करने पर प्रोत्साहन व अन्य सहायता देगी।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। तीर्थाटन के क्षेत्र में उत्तराखंड विश्व प्रसिद्ध है। साहसिक पर्यटन, पैराग्लाइडिंग, पर्वतारोहण, होम स्टे, बंजी जंपिंग समेत गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। पर्यटन और आतिथ्य सम्मेलन में भी नीति के लिए पर्यटन व्यवसायियों से भी सुझाव लिए गए हैं। नीति में निवेशकों को किस तरह से आकर्षित किया सकता है, इसके लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया जाएगा। इस नीति को सरकार के 100 दिन के एजेंडे में शामिल किया गया है।

पुराना पैदल मार्ग पर्वतारोहण के लिए होगा विकसित
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की पहल पर 25 सदस्यीय दल ने चारधाम यात्रा के पुराने पैदल मार्ग का सर्वे कर डॉक्यूमेंट्री तैयार की है। ऋषिकेश से शुरू होने वाले इस पैदल मार्ग से देवप्रयाग, टिहरी होते हुए यमुनोत्री, गंगोत्री, बूढ़ाकेदार, केदारनाथ, त्रियुगीनारायण, ऊखीमठ, चोपता, गोपेश्वर होते हुए बदरीनाथ पहुंचते थे। 50 दिन में 1140 किमी पैदल चल कर दल ने पूरे रास्ते की डॉक्यूमेंट्री तैयार की है। पर्यटन विभाग इस पुराने पैदल मार्ग को पर्वतारोहण के लिए विकसित करने की योजना बना रहा है।