उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ शहर में भू धंसाव और भूस्खलन से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। अब तक भू धंसाव और दरारों के चलते खतरे की जद में आ चुके 678 भवन चिन्हित किए जा चुके हैं। CBRI ने दो होटलों मलारी और माउंट व्यू होटल को भी भू धंसाव के चलते असुरक्षित करार दिया था जिसके बाद मंगलवार को इन होटलों पर प्रशासन का बुलडोजर चलना था। लेकिन व्यापारियों ने विस्थापन और मुआवजे को लेकर तस्वीर स्पष्ट न होने का हवाला देते हुए ध्वस्तीकरण एक्शन का विरोध शुरू कर दिया।
सुबह आठ बजे से लेकर शाम तक गतिरोध बना रहा जिसके चलते मजबूरन लाव लश्कर के साथ पहुंचे प्रशासनिक अमले को कदम पीछे खींचने पड़े हैं। जोशीमठ में land submergence के बाद पुनर्वास और डिमोलिशन कार्रवाई को लेकर स्थानीय व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त है। प्रशासन द्वारा दो प्रमुख होटलों- होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त करने की खबर जैसे ही व्यापार जगत में पहली बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हो गए और रात तक होटल के बाहर नारेबाजी करते रहे।
होटल मालिकों का आरोप है कि ध्वस्तीकरण की जानकारी भी मीडिया के माध्यम से मिली पुलिस प्रशासन ने ना कोई नोटिस दिया और ना ही मुआवजे को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। विरोध में उतरे होटल मलारी के मालिक ठाकुर सिंह राणा और होटल माउंट व्यू के मालिक सुंदरलाल सेमवाल ने एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन के बुलडोजर एक्शन का विरोध करते हुए कहा कि अगर बिना सहमति के उनके होटल छेड़े गए तो वे परिवार के साथ आत्मदाह को मजबूर होंगे। अब आज क्या रास्ता निकलता है देखना होगा।