Kedarnath Yatra 2022: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चरम पर है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान केदार के दर्शन के लिए केदारधाम आ रहे हैं। हजारों लोगों के केदरानाथ पहुंचने की वजह से यात्रा के रास्ते और केदारनाथ धाम में कूड़े की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। केदारनाथ धाम में कूड़े की समस्या पर खुद पीएम मोदी भी चिंता जता चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, केदारनाथ के आसपास हर तरफ प्लास्टिक का कूड़ा फैल रहा है। ये सारा कूड़ा पर्यटकों, श्रद्धालुओं के साथ आया था और अब यहीं रह गया है।
विशेषज्ञों ने चेताया है कि ऐसा करना पर्यावरण के लिए न सिर्फ नुकसान देह है, बल्कि साल 2013 में केदारनाथ में आई आपदा जैसी और भी भयंकर आपदाओं को जन्म दे सकता है। केदारनाथ धाम में बढ़ रहे कूड़े की वजह से वहां मौजूद दुर्लभ वनस्पतियां बर्बाद हो रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और पौधों का अध्ययन करने वाले प्रोफेसर एमसी नौटियाल के हवाले से बताया है कि कुछ जड़ी-बूटियां उस इलाके से पूरी तरह विलुप्त हो गई हैं। केदारनाथ धाम में बढ़ रहे कूड़े की वजह से वहां मौजूद दुर्लभ वनस्पतियां बर्बाद हो रही है।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और पौधों का अध्ययन करने वाले प्रोफेसर एमसी नौटियाल ने बताया है कि कुछ जड़ी-बूटियां उस इलाके से पूरी तरह विलुप्त हो गई हैं। जिनमें जटामासी, आतिश, बरमाला, काकोली और अन्य जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं। बढ़ती मानवीय गतिविधियों के साथ गंभीर जलवायु परिवर्तन इसका प्रमुख कारण है। डॉ एमएस नेगी ने कहा कि हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि साल 2013 में क्या हुआ था। उन्होंने बताया कि हमें बेहद सावधान रहने की जरूरत है, वर्ना साल 2013 जैसी आपदा फिर से आ सकती है।