2 पूर्व CM के बयानों से सकते में धामी सरकार, केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा मामला

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Uttarakhand Poltics: उत्तराखंड में बीजेपी सरकार में इस समय सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसकी वजह एक नहीं बल्कि कई हैं, जिसमें सबसे बड़ी वजह स्मार्ट सिटी के कामों की गुणवत्ता है और दूसरी बड़ी वजह उत्तराखंड में चल रही कमीशन बाजी है। ये दो वजह की बात विपक्ष नहीं बल्कि बीजेपी के दो पूर्व सीएम बोल रहे हैं। इन पूर्व सीएम के बयानों से उत्तराखंड बीजेपी सरकार में खलबली मची हुई है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे पर खड़ा कर दिया है। वही पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। उन्होंने कहा था कि यूपी में जो कमीशनखोरी की प्रथा प्रचलित थी वह उत्तराखंड में भी जारी है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व त्रिवेंद्र रावत के हाल में आए बयानों से सत्ताधारी भाजपा असहज हो गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट दोनों नेताओं के बयानों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से मिले। उनका कहना है कि अगर किसी मामले में दोनों नेताओं को आपत्ति है तो वह पार्टी फोरम में अपनी बात रखें न कि सार्वजनिक मंच पर।

कांग्रेस व अन्य दलों के नेताओं ने कमीशनखोरी वाले बयान के बहाने कई आरोप जड़े। इससे भाजपा और सरकार को असहज होना पड़ा। बयान चूंकि पार्टी के दिग्गज नेताओं के थे, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दिल्ली का रुख करना पड़ा। उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम से भेंट की। बयानों से उपजे सियासी हालात बयां किए। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई है कि वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों के बजाए पार्टी फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए।