देहरादून: उत्तराखंड में बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 में गेहूं और धान की रिकार्ड खरीद करने में सरकार को सफलता मिली है। इस बार भी धान खरीद को लेकर दो माह पहले ही राज्य सरकार तैयारी में जुट गई है। लेकिन इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए व्यवस्था पहले से ही बनाई जाने लगी हैं। प्रदेश में 80 हजार किसान पंजीकृत हैं। प्रयास किया जा रहा है कि इससे अधिक संख्या में किसान खरीद केंद्रों में पहुंचें।
बताया जा रहा है कि, किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया इसी माह के आखिर या अगले माह के पहले सप्ताह से प्रारंभ कर दी जाएगी। तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों में उपजे रोष को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती गई थी। कोरोना संकट के बावजूद खरीद केंद्रों में किसानों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने से लेकर खरीद मूल्य के शीघ्र भुगतान की व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई थी।
किसानों के प्रति दिखाई गई सावधानी ने पांचवीं विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन के प्रभाव सीमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे सबक लेकर सरकार ने नए सत्र में गेहूं खरीद के लिए भी अच्छे प्रबंध किए, लेकिन बाजार में अच्छी कीमत मिलने के कारण सरकारी खरीद केंद्रों पर किसान नहीं उमड़े। किसानों को अधिक बाजार भाव मिलने को सरकार अच्छे संकेत के रूप में ले रही है। राज्य में धान सीजन आगामी अक्टूबर से प्रारंभ होना है।
परंपरा के अनुसार धान खरीद के लिए किसानों के पंजीकरण, क्रय केंद्रों की व्यवस्था बनाने से संबंधित तैयारी सीजन प्रारंभ होने से ऐन पहले की जाती रही हैं। इस बार तकरीबन दो माह पहले से ही सरकार ने तैयारी के संकेत देकर किसानों को संदेश भी दिया है। इस बार भी धान खरीद ज्यादा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 2012 से लेकर 2017 तक की तुलना में 2017 से लेकर 2022 में 12.98 लाख मीट्रिक टन धान की अधिक खरीद हुई थी।