उत्तराखंड की धामी सरकार ने कैबिनेट बैठक में कुल 21 फैसलों पर मुहर लगाई है। कैबिनेट की बैठक में वैसे तो कई महत्वपूर्ण फैसले हुए लेकिन प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के लिए बैठक में एक बड़ा और अच्छा फैसला लिया गया है। दरअसल, ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे प्रोजेक्ट को ग्रीन सिग्नल मिल गया है। हालांकि, राज्य सरकार की सूची में केदारनाथ, सुरकंडा देवी और कुमाऊं के मंदिरों सहित नीलकंठ भी पहले से ही शामिल था, लेकिन आज की कैबिनेट मीटिंग में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी भी मिली गई है। अब जल्द ही ऋषिकेश से नीलकंठ जाने वाले शिव भक्तों को एक नई सौगात मिलने जा रही है। अब नीलकंठ महादेव आने वाले पर्यटकों को निकट भविष्य में रोमांच के साथ ही आरामदायक सफर का आनंद मिल सकेगा।
मंत्रिमंडल ने इसके लिए ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक पीपीपी मोड पर रोपवे बनाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस रोपवे की डीपीआर तैयार हो गई है। उम्मीद है कि दो साल के भीतर यह रोपवे तैयार हो जाएगा। बताया गया कि इस रोप वे की कुल लंबाई 6585 मीटर, यानी तकरीबन 6.5 किमी होगी। इसमें 465 करोड़ रुपये का व्यय आना संभावित है। इस रोपवे में चार स्टेशन बनाए जाएंगे। इसका पहला स्टेशन आइएसबीटी ऋषिकेश, दूसरा स्टेशन, त्रिवेणी घाट, तीसरा स्टेशन नीलकंठ महादेव मंदिर और चौथा स्टेशन पार्वती मंदिर होगा। यह रोपवे 30 वर्षों के लिए पीपीपी मोड पर दिया जाएगा। इसका जिम्मा मेट्रो कारपोरेशन को दिया गया है। यही कारपोरेशन देहरादून में नियो मेट्रो का कार्य कर रहा है।